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अवैध निर्माण सीज होते ही अब जेई की गर्दन भी नपेगी

बीडीए बोर्ड की बैठक में गुरुवार को कई अहम प्रस्ताव पास हुए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 01:08 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 01:08 AM (IST)
अवैध निर्माण सीज होते ही अब जेई की गर्दन भी नपेगी
अवैध निर्माण सीज होते ही अब जेई की गर्दन भी नपेगी

जेएनएन, बरेली: बीडीए बोर्ड की बैठक में गुरुवार को कई अहम प्रस्ताव पास हुए। इस दौरान बोर्ड के सदस्यों ने बीडीए को भी कटघरे में खड़ा किया। कमिश्नर व डीएम के सामने बीडीए के भ्रष्टाचार पर चोट की। कहा कि शहर में अवैध निर्माण पर तो खूब कार्रवाई हो रही है लेकिन उन जेई व जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही, जिनकी वजह से अवैध इमारतें खड़ी हो रही हैं। कमिश्नर ने इसे सही बताते हुए ऐसे मामलों में जेई के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा। इस फैसले से अब बीडीए के अधिकारी व इंजीनियर भी मुसीबत में पड़ते नजर आ रहे हैं।

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बोर्ड की बैठक में अवैध निर्माण के सील करने व उन्हें तोड़ने का मुद्दा छाया रहा। सदस्यों ने कहा कि अवैध निर्माण न होने देने की जिम्मेदारी बीडीए के जेई की है। जेई अपने नीचे अवैध कर्मचारी रखते हैं। वे वसूली करते हैं। बाद में इन्हीं अवैध निर्माण को सील करने व तोड़ने की कार्रवाई होती है।

इसके अलावा सीबीगंज में ग्रीन लैंड पर बन रही पुलिस विभाग की फारेंसिक लैब पर चर्चा हुई। चूंकि यहां काफी काम हो चुका है, अत: बोर्ड ने डीएम से लैब के लिए दी गई जमीन के एवज में हरित पट्टिका के लिए कहीं दूसरी जगह उतनी ही जमीन देने की बात कही। इसके अलावा शाहजहांपुर रोड पर एक बिल्डर की कई हेक्टेयर जमीन पर कॉलोनी कटी है, लेकिन यह कृषि भूमि है। बैठक में इसका लैंडयूज बदलकर आवासीय करने का प्रस्ताव आया तो तमाम सदस्यों ने विरोध किया। प्रस्ताव में कई कमियां थीं। जिस पर इसे अगली बैठक में रखने को कहा गया।

बैठक में जब बीडीए अधिकारियों ने आय-व्यय का ब्योरा प्रस्तुत किया तब बोर्ड के सदस्य पार्षद राजेश अग्रवाल ने ऑडिट पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि करगैना की बीडीए कालोनी से 11.30 करोड़ रुपये कम लिए गए हैं। इसके अलावा बीडीए के प्रोग्रामर फय्याज एसोसिएट को 59 लाख रुपये के भुगतान पर भी आपत्ति जताई। बैठक में ही कुछ सदस्यों ने बताया कि बीडीए के एक लेखपाल ने वीआरएस लेकर गैस एजेंसी हासिल कर ली थी। एजेंसी लेने के बाद वह फिर नौकरी पर आ गया। कमिश्नर ने इस लेखपाल को तत्काल हटाने को कहा।

40 हजार के प्लाट के 54 हजार देने का किया विरोध

बैठक में ट्रांसपोर्टरों का मुद्दा भी उठा। सदस्यों ने कहा कि बीडीए ने ट्रांसपोर्टरों पर 300 रुपये प्रतिमाह चौकीदारी शुल्क लगा दिया है। ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि 15 वर्ष पूर्व 30 मीटर का प्लाट लगभग 40 हजार रुपये में खरीदा गया था। अब उसे बनवाना शुरू किया तो बीडीए ने उस पर शुरू से अब तक 15 हजार रुपये चौकीदारी शुल्क लगा दिया। ऐसे में 40 हजार रुपये कीमत वाले प्लाट के बीडीए को 54 हजार रुपये चुकाने के बाद ही ट्रांसपोर्टर काम कर सकेगा। ट्रांसपोर्टर यूनियन के अध्यक्ष शोभित सक्सेना ने कहा कि क्या प्लाट को कोई चोरी कर ले जाता जो बीडीए चौकीदारी शुल्क वसूल रहा है। कमिश्नर ने चौकीदारी टैक्स को अगली बैठक में खत्म करने का आश्वासन दिया। बीडीए अधिकारियों ने ट्रांसपोर्ट नगर से मेंटीनेंस शुल्क लेने की बात कही। ट्रांसपोर्टरों ने इसका भी विरोध किया। उनका कहना था कि सड़क, बिजली, पानी, शौचालय आदि की व्यवस्था अगर ट्रांसपोर्ट नगर में व्यवस्थाएं की जाती है तो ट्रांसपोर्टर मेंटीनेंस चार्ज देने को तैयार हैं। बैठक में प्रस्ताव पास हुआ कि पांच हजार रुपये किराये पर संजय कम्युनिटी हॉल रंगकर्मियों को दिया जाएगा। इसके लिए कमेटी गठित होगी।

बैठक में कमिश्नर रणवीर प्रसाद, डीएम वीरेन्द्र सिंह, वीसी बीडीए सुरेंद्र कुमार सिंह, सदस्य राजेश अग्रवाल, ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष शोभित सक्सेना, बीडीए के तमाम अधिकारी मौजूद थे।


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