अगर आपको गुणवत्ता पर है संदेह तो यहां खाद्य पदार्थों की कराएं जांच Bareilly News
अभी वाराणसी या लखनऊ नमूने भेजने पड़ते हैं। मंडल में ही प्रयोगशाला खुलने पर स्थानीय लोग भी किसी खाद्य पदार्थ की जांच प्रयोगशाला में करा सकेंगे।
बरेली, जेएनएन : खाद्य पदार्थो में किन खतरनाक या अशुद्ध तत्वों की मिलावट हो रही है, इसकी जांच अब आसान होगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बरेली मंडल मुख्यालय में भी खाद्य प्रयोगशाला बनेगी। इसके लिए शासन ने डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह को पत्र लिखकर 10 अगस्त तक भवन की जानकारी देने को कहा है। प्रयोगशाला छह माह में बनाने के निर्देश हैं।
सीएम ने निर्देश दिए हैं। प्रयोगशाला स्थापित होने से से काफी फायदा होगा। विभाग की सहूलियत के साथ ही लोग भी जागरूक होंगे। -संजय पांडेय, सहायक आयुक्त, खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन
- पिछले दिनों सामने आए मिलावट के ये मामले
केस 1
अगस्त को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की टीम ने डेलापीर सब्जी मंडी में छापा मारकर अदरक का नमूना लिया। अदरक को तेजाब से साफ किया जा रहा था। इसके साथ सब्जी मंडी से 19 कुंतल खराब बैंगन भी टीम ने पकड़ा, जिसे नष्ट कराया गया।
केस 2
30 जुलाई को खाद्य विभाग की टीम ने बांसमंडी में छापा मारकर अमृत धारा पैकेज्ड डिंकिंग वाटर का नमूना लिया। इसकी पैकेजिंग यूनिट को सील किया। इसके साथ ही कांकर टोला से फ्रेश पैकेज्ड डिकिंग वाटर का नमूना लिया। इसे जांच के लिए भेजा।
केस 3
28 जुलाई को पीलीभीत रोड पर स्थित एक मॉल से विभाग की टीम ने शिकायत के आधार पर पेस्ट्री का नमूना भरा। टीम को पता चला था कि यहां पर स्थित एक दुकान में बदबूदार पेस्ट्री बिक्री की जा रही है।
केस 4
अाठ मार्च को श्यामगंज से मैसर्स गौरव ब्रदर्स के यहां से विभाग ने कचरी का नमूना लिया। कचरी को जब प्रयोगशाला भेजा गया तो कोलकाता रेफरल लैब ने इसे असुरक्षित बताया।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में दिए थे निर्देश
दो जुलाई को लखनऊ में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन की समीक्षा बैठक थी। इसी बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा था कि हर मंडल मुख्यालय में एक खाद्य प्रयोगशाला होनी चाहिए। इसके बाद शासन ने डीएम को पत्र भेजा है। शासकीय भवन हो तो ठीक, अन्यथा किराये का भवन लिया जाए। इसका क्षेत्रफल कम से कम 25 सौ वर्गफीट होना चाहिए।
परिणाम में आएगी तेजी, लोग भी करा सकेंगे जांच
अधिकारियों का कहना है कि सभी मंडल में प्रयोगशाला खुलने से नमूनों की जांच में तेजी आएगी। अभी वाराणसी या लखनऊ नमूने भेजने पड़ते हैं। मंडल में ही प्रयोगशाला खुलने पर स्थानीय लोग भी किसी खाद्य पदार्थ की जांच प्रयोगशाला में करा सकेंगे। अब केवल मोबाइल लैब आने पर ही लोग जांच करा पाते हैं। सर्विलांस सैंपल की जांच रिपोर्ट तुरंत मिलने पर अशुद्ध या अधोमानक सामान को नष्ट या बिक्री पर रोक लगाई जा सकेगी।
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