नहीं दिया ध्यान तो और गिरेगा रुपया, बढ़ेगी मंहगाई
बरेली कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. प्रदीप कुमार सिंघल ने रखे।
जागरण विमर्श :
-बरेली कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. प्रदीप कुमार सिंघल ने रखे अपने विचार
जागरण संवाददाता, बरेली : डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिर रहा है। पूरे देश में इसे लेकर खलबली मची हुई। रुपया कमजोर होने से इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। महंगाई बढ़ रही है। वहीं, सरकार इस ओर उचित ध्यान नहीं दे रही है। रुपया गिरने से आम आदमी पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए सरकार को पेट्रोल-डीजल पर टैक्स को कम करना चाहिए। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया के विजन को धरातल पर उतारना होगा। अन्यथा डॉलर के मुकाबले रुपया और कमजोर होगा। साथ ही देश में मंहगाई बढ़ जाएगी।
ये बातें बरेली कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. प्रदीप कुमार सिंघल ने सोमवार को डॉलर के मुकाबले गिरता रुपया कितना हानिकारक विषय पर आयोजित जागरण विमर्श कार्यक्रम में कहीं।
--कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से बिगड़ी चाल
डॉ. सिंघल बताते हैं कि भारत में खाड़ी देशों से भारी मात्रा में पेट्रोल-डीजल का आयात होता है। कच्चे तेल की कीमत में उछाल आने से रुपया की चाल भी बिगड़ गई है। दरअसल, हमारे यहां जनसंख्या के हिसाब से तेल की खपत बहुत अधिक है, ऐसे में तेल आयात के लिए अधिक विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ रही है। इससे हमारा विदेशी मुद्रा भंडारण कम हो रहा है। वहीं, नोटबंदी, जीएसटी के कारण देश में उद्योग-धंधे प्रभावित हुए हैं। कारखानों, फैक्ट्रियों में उत्पादन घटा है। इससे देश में आयात के मुकाबले निर्यात कम हुआ है। मूल्य एवं विनियमन पॉलिसी न होना
डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि भारत में मूल्य एवं विनियमन पॉलिसी नहीं है इससे कोई भी किसी वस्तु का उत्पादन करता है और उसे अपना टैग लगाकर मनचाही कीमत पर बेचने लगता है। सरकार का इस पर कोई अंकुश नहीं होता। इसका असर भी आम आदमी पर पड़ता है। पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करें सरकार
डॉ. सिंघल ने बताया कि केंद्र में भाजपा सरकार है। वहीं अधिकांश राज्यों में भी भाजपा की सरकार है। यदि सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स स्ट्रक्चर कम कर दें तो रुपया की हालत में थोड़ा सुधार हो सकता है। साथ ही आम आदमी को भी राहत मिलेगी। मंहगाई पर अंकुश लगेगा। हालांकि, केंद्र सरकार के टैक्स कम करने पर राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। घरेलू उद्योगों को देना होगा बढ़ावा
डॉ. प्रदीप बताते हैं कि रुपये को उभारने के लिए घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। पीएम मोदी का मेक इन इंडिया का विजन अच्छा है। बस जरूरत है तो इसे धरातल पर अच्छे से उतारने की। यदि देश में ही सभी वस्तुओं का उत्पादन होगा तो हमें दूसरे देशों से उसे आयात करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। साथ ही देश में रोजगार की समस्या भी कम होगी।