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मंत्री पद से हटाए जाने पर झलका धर्मपाल का दर्द, कहा- भ्रष्टाचार का दोषी होने पर छोड़ दूंगा विधायकीBareilly News

पूर्व मंत्री ने कहा कि पार्टी मां होती है। पार्टी जो भी निर्णय करती है वह हितकारी होता है। मंत्रिमंडल से पृथक करने के निर्णय का स्वागत करते हैं। मंत्री पद जाने पर कोई पीड़ा नहीं है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 09:18 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 10:51 PM (IST)
मंत्री पद से हटाए जाने पर झलका धर्मपाल का दर्द, कहा- भ्रष्टाचार का दोषी होने पर छोड़ दूंगा विधायकीBareilly News
मंत्री पद से हटाए जाने पर झलका धर्मपाल का दर्द, कहा- भ्रष्टाचार का दोषी होने पर छोड़ दूंगा विधायकीBareilly News

बरेली, जेएनएन। योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से हटाए जाने पर धर्मपाल सिंह का दर्द झलक पड़ा है। सिंचाई महकमे के कैबिनेट मंत्री रहे धर्मपाल सिंह ने शुक्रवार को बरेली में कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में दोषी होने पर मुझे जेल भेज दें। 

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सिंचाई मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले धर्मपाल सिंह भ्रष्टाचार के आरोप उछलने से व्यथित हैैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री से जांच का अनुरोध करेंगे। अगर आरोप साबित हुए तो विधायकी से इस्तीफा देने में देर नहीं करेंगे। मंत्रीपद से इस्तीफा देने के बाद बरेली में धर्मपाल सिंह ने सार्वजनिक रूप से कहा कि सरकार मेरे 2.4 साल के कार्यकाल की जांच करा ले, दोषी पाएं तो मुझे जेल भेज दे। अगर मैं दोषी पाया गया तो विधायकी से भी मैं इस्तीफा दे दूंगा। मेरा सार्वजनिक जीवन बेदाग है। बरेली पहुंचकर भावुक हुए धर्मपाल सिंह ने कहा कि बरेली में मेरी कोई कोठी नहीं है। 

वह इस्तीफा देने के बाद लखनऊ से वापसी पर सिविल लाइंस स्थित अपने आवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। पूर्व मंत्री ने कहा कि पार्टी मां होती है। पार्टी जो भी निर्णय करती है, वह हितकारी होता है। मंत्रिमंडल से पृथक करने के निर्णय का स्वागत करते हैं। मंत्री पद जाने पर कोई पीड़ा नहीं है। उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप उछालकर जीवनभर की तपस्या भंग की गई है। कुछ लोगों ने ऐसे आरोप लगाए। लंबे बेदाग राजनीतिक सफर को लेकर ऐसे बातें कही गईं, जिनका सच से कोई संबंध नहीं है। बताया कि मुख्यमंत्री से आरोपों को लेकर जांच का अनुरोध करेंगे। अगर कहीं भी गलत साबित हुए तो फिर विधायकी भी छोड़ देंगे। जहां तक इस्तीफे का सवाल है तो पार्टी के निर्देशों का पालन किया है। आगे भी करते रहेंगे। पार्टी ने मेरे लिए कुछ अच्छा ही सोचा होगा। कार्यकर्ताओं से भी धैर्य रखने के लिए कहा है।  

आधा दर्जन मंत्रियों के पर भी कतरे गए 

पांच मंत्रियों से इस्तीफा लेने के साथ ही आधा दर्जन मंत्रियों के पर भी कतरे गए हैं। उनमे सिद्धार्थनाथ सिंह, नंदगोपाल नंदी, लक्ष्मी नारायण, चेतन चौहान का नाम शामिल है। सिद्धार्थनाथ सिंह से स्वास्थ्य विभाग ले लिया गया है। उन्हें खादी व ग्रामोद्योग तथा एमएसएमई विभाग मिला है। नंद गोपाल नंदी के स्टाम्प विभाग के 300 से अधिक तबादले रद करने के बाद उनसे यह विभाग छीन लिया गया है। उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। लक्ष्मी नारायण चौधरी से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग वापस लेते हुए पशुधन विभाग दिया गया है। जहरीली शराबों से मौतों के बीच जयप्रताप सिंह से आबकारी ले लिया गया है, लेकिन उन्हें स्वास्थ्य जैसा अहम महकमा दिया गया है। पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान भी खेल विभाग नहीं बचा पाए। उन्हें सैनिक कल्याण, होमगार्ड्स, प्रांतीय रक्षक दल एवं नागरिक सुरक्षा विभाग दिया गया है।


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