प्रैक्टिकल में अवैध परीक्षक चुना तो नहीं मिलेंगे अंक
रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने प्रयोगात्मक और मौखिक परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, बरेली : एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने मुख्य परीक्षा से पहले होने वाली प्रयोगात्मक और मौखिक परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। कॉलेजों से आंतरिक परीक्षक बनाने के लिए शिक्षकों के नाम मांगे हैं। स्पष्ट किया है कि जो कॉलेज तय आंतरिक-बाह्य परीक्षकों को छोड़ मनमाने शिक्षक से प्रैक्टिकल-वायवा कराएंगे। उन कॉलेज के विद्यार्थियों के अंक रिजल्ट में नहीं जोड़े जाएंगे। गत वर्ष प्रैक्टिकल-वायवा में धांधली के बाद विवि ने इस बार यह सख्त फैसला लिया है।
विवि प्रशासन ने साफ कहा कि विवि की अनुमति बगैर कोई शिक्षक परीक्षक नहीं बन सकता है। इसके अलावा राजकीय महाविद्यालयों में संविदा और अनुदानित कॉलेजों में मानदेय पर नियुक्ति पांच वर्ष के शैक्षिक अनुभव वाले शिक्षकों को भी आंतरिक परीक्षक बनने की अनुमति मिल गई है। बशर्ते उनकी नियुक्ति यूजीसी के नियमों के तहत हुई हो। सेवानिवृत्त के बाद जो शिक्षक दोबारा पढ़ाने के लिए नियुक्त हुए हैं, वे परीक्षक नहीं बन सकेंगे। विवि ने स्नातक में चार और परास्नातक में पांच वर्ष के शैक्षिक अनुभवी शिक्षकों के परीक्षक बनने की योग्यता तय की है। डिग्री कॉलेजों से 31 अक्टूबर तक परीक्षक बनने वाले शिक्षकों का ब्योरा मांगा गया है। ताकि उनकी योग्यता की जांच के बाद परीक्षक बनने पर मुहर लगाई जा सके। परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार सिंह की ओर से सभी कॉलेजों को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है।
शिक्षकों का रिकॉर्ड दें कॉलेज
-एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने राजकीय, अनुदानित और निजी डिग्री कॉलेजों से शिक्षकों का ब्योरा मांगा है। स्पष्ट किया है कि सभी कॉलेज 31 अक्टूबर तक हर हाल में यह डिटेल उपलब्ध करा दें।