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बरेली में इतिहास को संजोएंगे भारत और ईरान के इतिहासकार, टीम ने शुरु किया भ्रमण Bareilly News

ईरान के तेहरान विश्वविद्यालय के वल्र्ड स्टडी सेंटर और रुहेलखंड विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ एडवांस सोशल साइंसेज के बीच अहम समझौता हुआ। तेहरान विवि से 13 सदस्यीय दल आया था।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 02:45 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 05:24 PM (IST)
बरेली में इतिहास को संजोएंगे भारत और ईरान के इतिहासकार, टीम ने शुरु किया भ्रमण Bareilly News
बरेली में इतिहास को संजोएंगे भारत और ईरान के इतिहासकार, टीम ने शुरु किया भ्रमण Bareilly News

जेएनएन, बरेली : भारत और ईरान के रिश्तों में मिठास घोलने के लिए अब दोनों देश के इतिहासकार मिलकर काम करेंगे। बुधवार को इसके लिए ईरान के तेहरान विश्वविद्यालय के वल्र्ड स्टडी सेंटर और रुहेलखंड विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ एडवांस सोशल साइंसेज के बीच अहम समझौता हुआ। इस समझौते के लिए तेहरान विवि से 13 सदस्यीय दल यहां आया हुआ था।

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दोनो विश्वविद्यालयों के बीच हुआ करार :  फैकल्टी ऑफ एडवांस सोशल साइंसेज के डीन प्रो. श्याम बिहारी लाल ने बताया कि समझौते के तहत इतिहास के अलावा अर्थशास्त्र, शिक्षा शास्त्र और फारसी के विशेषज्ञ भी साथ काम कर सकेंगे। यहां के छात्र और शिक्षक तेहरान विश्वविद्यालय में शोध और पढ़ाई के लिए जा पाएंगे जबकि, वहां के छात्र और शिक्षक यहां आ सकेंगे। इसका खर्चा भी एक-दूसरे के लिए दोनों विश्वविद्यालय ही वहन करेंगे। इसके अलावा दोनों जगहों पर होने वाले सेमिनार में दोनों संस्थानों के शिक्षक, छात्र-छात्रएं शामिल हो सकेंगे। पुस्तकों का भी आदान-प्रदान होगा।

तेहरान विश्वविद्यालय से आए डेलीगेशन की अगुवाई प्रो. मजियार मोजाफरी और प्रो. गुल मोहम्मदी कर रहे थे। इसके अलावा एक अन्य असिस्टेंट प्रोफेसर व दस छात्रों की टीम साथ थी। रुविवि की तरफ से इस दौरान अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. सुबोध धवन, इतिहासकार प्रो. विजय बहादुर, प्रो. अनूप मिश्र, डॉ. पंकज शर्मा, प्रो. मोहम्मद इरफान, डॉ. संतोष अरोड़ा, डॉ. रश्मि अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

ईरानी शिक्षक बोले, भारत दुनिया का मजबूत स्तंभ: ईरानी शिक्षकों ने भारत को दुनिया का मजबूत स्तंभ बताया। कहा कि एक तरफ कई देश आपस में लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत तेजी से विकास कर रहा है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहां करी अर्थव्यवस्था व सामाजिक दायरा काफी समृद्ध है। भारत से ईरान काफी सीख सकता है। डेलीगेशन ने रुविवि के अर्थशास्त्र विभाग और म्यूजियम का भी भ्रमण किया।

प्रोफेसर बोले- अमेरिकी दबाव नहीं आएगा काम: प्रो. मजियार मोजाफरी ने कहा कि डॉलर में व्यापार करने पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद भारत और ईरान के रिश्ते मजबूत हैं। दोनों देश आर्थिक और सामाजिक तौर पर एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। रियाल और रुपये में व्यापार हो रहा है। आगे कहा कि ईरान आर्यो का देश है। उसी तरह भारत गांधी का देश है। यहां अहिंसा की पूजा होती है। देश में विविधता है। हर संप्रदाय, जाति, धर्म के लोग यहां एकजुट रहते हैं।

ईरान की टीम करेगी रामपुर की Libreray का भ्रमण: प्रो. श्याम बिहारी ने बताया कि तेहरान विश्वविद्यालय की टीम अभी रामपुर के रजा लाइब्रेरी का भ्रमण भी करेगी। यह एशिया की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है। इसके बाद गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी, जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय सहित कई अन्य शिक्षण संस्थानों का भी भ्रमण करेंगे।


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