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Higher Education : छात्रों को काबिल बनाने के लिए अब Ruhelkhand University उठाएगी... ये कदम Bareilly News

12वीं में अध्ययनरत छात्रों को अब स्नातक के महत्वपूर्ण प्रोफेशनल कोर्स करने के लिए निजी कॉलेजों का रुख नहीं करना पड़ेगा।रुहेलखंड विश्वविद्यालय कैंपस में ही कई कोर्स शुरू करेगा।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 11:07 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 11:07 AM (IST)
Higher Education : छात्रों को काबिल बनाने के लिए अब Ruhelkhand University उठाएगी... ये कदम Bareilly News
Higher Education : छात्रों को काबिल बनाने के लिए अब Ruhelkhand University उठाएगी... ये कदम Bareilly News

जेएनएन, बरेली : 12वीं में अध्ययनरत छात्रों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें स्नातक के महत्वपूर्ण प्रोफेशनल कोर्स करने के लिए निजी कॉलेजों का रुख नहीं करना पड़ेगा। अगली साल से रुहेलखंड विश्वविद्यालय कैंपस में ही स्नातक के कई कोर्स शुरू किए जाएंगे। कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला की पहल पर सभी संकाय के डीन को मौजूदा समय के हिसाब से महत्वपूर्ण कोर्स की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।

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कोर्सो को शुरु कराने का लिया फैसला : विश्वविद्यालय परिसर में अभी तक परास्नातक के ही कोर्स संचालित होते थे। स्नातक में बीटेक, बीएड, बीएचएमसीटी और बीफार्मा कोर्स ही संचालित होते थे। बाकी पांच विषयों में एमए, दो विषयों में एमफिल, पांच विषयों में एमएससी, परास्नातक के दस प्रोफेशनल कोर्स और पांच पीजी डिप्लोमा के कोर्स संचालित हो रहे हैं। कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने छात्रों की दिलचस्पी को देखते हुए कैंपस में स्नातक के कई अन्य कोर्स शुरू कराने का फैसला लिया। रजिस्ट्रार डॉ. सुनीता पांडेय ने बताया कि स्नातक के कई कोर्स अगले साल से शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए डीन कोर्स की सूची तैयार करेंगे। इसके बाद उसे कार्यपरिषद में रखा जाएगा।

इन कोर्स को शुरू करने की तैयारी : बीसीए, बीबीए, फैशन एंड इंटीरियर डिजाइनिंग, टूरिज्म, ट्रैवल एंड होटल मैनेजमेंट, बीएससी इन योगा, बीपीटी, डीफार्मा सहित कुछ अन्य कोर्स को लेकर विश्वविद्यालय प्रस्ताव तैयार कर रहा है।

निजी कॉलेजों की मनमानी रुकेगी : विश्वविद्यालय प्रशासन की इस पहल से विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों की संख्या में जबरदस्त इजाफा होगा। इसके अलावा जो छात्र इन कोर्स की पढ़ाई के लिए निजी कॉलेजों का रूख करते थे उनमें भी कमी आएगी। छात्र बेवजह निजी कॉलेजों की लूट से बच पाएंगे।

एसएफएस मोड में संचालित होंगे कोर्स : विश्वविद्यालय के प्रस्ताव के मुताबिक जितने भी नए कोर्स शुरू किए जाएंगे, सभी सेल्फ फाइनेंस मोड में ही होंगे। सरकार से इसके लिए कोई अनुदान नहीं लिया जाएगा। छात्रों के शुल्क से ही विभाग के शिक्षकों का वेतन व अन्य खर्च निकाला जाएगा।


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