बरेली में बेअसर इंजेक्शन से स्वास्थ्य विभाग करता रहा मरीजों का इलाज, ये निकला परिणाम
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही। कोविड-19 संक्रमण के बीच जहां दवाओं के वितरण पर स्वास्थ्य विभाग की खासी तवज्जो रही वहीं एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
बरेली, जेएनएन । स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही। कोविड-19 संक्रमण के बीच जहां दवाओं के वितरण पर स्वास्थ्य विभाग की खासी तवज्जो रही, वहीं एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दर्द निवारक इंजेक्शन के तीन महीने पहले लिए गए नमूने लखनऊ की लैब में मानक के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवा की उपलब्धता के लिए सरकार ने यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन बनाया है। कॉरपोरेशन जिन कंपनियों से दवाएं खरीद रहा हैं, उनमें से कई की दवाएं अब तक मानकों पर खरी नहीं उतर सकी है।
ड्रग इंस्पेक्टर विवेक कुमार ने बताया कि एडी हेल्थ कार्यालय परिसर में ड्रग स्टोर से मंडलीय औषधि विभाग ने 14 फरवरी को ट्रामाडॉल इंजेक्शन (दर्द निवारक) के नमूने लिए थे। इसकी निर्माता पुष्कर फार्मा, हिमाचल है। शुक्रवार को उसकी रिपोर्ट अधोमानक आई है। मंडलीय औषधि कार्यालय ने इसके वितरण पर तत्काल रोक लगाते हुए सीएमओ कार्यालय को नोटिस जारी किया है।
डेढ़ दर्जन दवाएं पांच माह पहले हुई थी फेल
जनवरी में एजिथ्रोमाइसिन सीरप सहित करीब डेढ़ दर्जन दवाओं के सैंपल मेडिकल कॉरपोरेशन ने फेल कर दिए थे। खास बात यह कि कॉरपोरेशन ने ही दवाएं भिजवाई थीं। दवाएं भेजने के बाद सैंपल चेक हुए। रिपोर्ट आई तो दवाएं अस्पतालों से निकलकर मरीजों तक पहुंच चुकी थीं।
निर्माता कंपनी से विवरण मांगा गया है, कि कहां से कच्चा माल लिया और निर्माण किया। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर मुकदमा किया जा सकता है। - संजय कुमार, सहायक आयुक्त ड्रग