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बरेली के इन युवाओं के जज्बे काे सलाम, जेब खर्च से कर रहे संक्रमिताें की मदद के साथ ये काम

उम्र में जरूर दूसरों से छोटे हैं लेकिन लोगों की मदद का जज्बा पर्वतों से भी ऊंचा है। यौवन की दहलीज पर कुछ समय पहले ही पहुंचे हैं। दूसरों का दुख इन्हें अंदर तक झंकझोर देता है। पढ़ने-लिखने की उम्र है

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 06:15 PM (IST)
बरेली के इन युवाओं के जज्बे काे सलाम, जेब खर्च से कर रहे संक्रमिताें की मदद के साथ ये काम
बरेली के इन युवाओं के जज्बे काे सलाम, जेब खर्च से कर रहे संक्रमिताें की मदद के साथ ये काम

बरेली, जेएनएन। उम्र में जरूर दूसरों से छोटे हैं, लेकिन लोगों की मदद का जज्बा पर्वतों से भी ऊंचा है। यौवन की दहलीज पर कुछ समय पहले ही पहुंचे हैं। दूसरों का दुख इन्हें अंदर तक झंकझोर देता है। पढ़ने-लिखने की उम्र है, लेकिन फिर भी जो जेब खर्च घर से मिलता है, उसे बचा लेते हैं। छोटी-छोटी बचत से फिर मुसीबत में फंसे लोगों को बाहर निकालते हैं। पिछली बार कोरोना काल में तमाम लोगों का रोजगार शुरू कराया। अब कोरोना संक्रमितों के लिए मुफ्त में भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे हैं होप्स एंड ड्रीम्स संस्था के युवा सदस्य। इन युवाओं ने सबकी रसोई संस्था के साथ मिलकर संक्रमितों के घरों तक भोजन पहुंचाना शुरू किया है। लगातार थालियों की मांग बढ़ रही है, जिसमें यह अपना जेब खर्च लगा रहे हैं।

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संस्था से जुड़े हैं सवा सौ छात्र-छात्राएं

होप्स एंड ड्रीम्स संस्था के संस्थापक ऋषभ सिंह बताते हैं कि उन्होंने अगस्त 2019 में संस्था की शुरूआत जरूरतमंदों के लिए की गई। वह ग्रेजुएशन कर रहे हैं। शुरू में दो छात्रों ने संस्था चलाई, आज 120 छात्र-छात्राएं संस्था का सदस्य हैं। सभी छात्र-छात्राओं ने अपने जेब खर्च को इकट्ठा कर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद में लगाना शुरू किया। बच्चों को पढ़ाने के साथ ही किशोरियों को सैनेट्री पैड का वितरण और जानकारी भी उपलब्ध कराई। पिछले साल कोरोना काल में भी लोगों की बढ़-चढ़कर मदद की।

पिछले साल कइयों को दिलाया रोजगार 

संस्था ने मिलकर पिछले साल कोरोना काल में जरूरतमंदों की मदद की। लॉकडाउन के कारण कई लोगों के रोजगार खत्म हो गए, उनकी मदद कर दोबारा काम शुरू कराया। कैंट स्थित एक स्कूल के बस चालक को नौकरी से हटाया गया तो संस्था ने उन्हें चाय की दुकान खुलवाई। स्टेडियम रोड स्थित एक बुजुर्ग महिला ठेले पर खाना बेचती थी। उनका काम दोबारा शुरू कराया। गांधी नगर स्थित एक युवक के होटल को ठीक कराया, जिससे उसका काम दोबारा शुरू हो सका।

तीन हफ्ते में हुई 1800 थालियां 

कोरोना की दूसरी लहर में होप्स एंड ड्रीम्स के सदस्यों ने सबकी रसोई संस्था के साथ मिलकर काम शुरू किया। करीब तीन हफ्ते पहले साथ काम करते हुए कोरोना संक्रमितों को भोजन की थालियां भेजने लगे। तब से अब तक रोजाना करीब 1800 थालियां कोरोना संक्रमितों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। सबकी रसोई से खाना थालियों में पैक कर दो डिलीवरी मैन के जरिए सभी संक्रमितों के घरों तक पहुंचाया जा रहा है। उनके भोजन की मांग लगातार बढ़ रही है। खाना उपलब्ध कराने के साथ ही लोगों को एहतियात बरतने की अपील भी संस्था कर रही है।

इन नंबरों पर कर सकते हैं संपर्क 

ऋषभ सिंह (होप्स एंड ड्रीम्स) - 8449906611

सुरेश कक्कड़ (सब की रसोई) - 7217213367 


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