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हलाला कराने वाले मौलवियों के खिलाफ भी कोर्ट जाऊंगी

ससुर से हलाला के बाद मां बनी मुरादाबाद की पीड़ित महिला, ससुर और शौहर के खिलाफ मुकादमा कराएगी। साथ ही निकाह पढ़ने वाले मौलवियों के खिलाफ कोर्ट जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 04:34 PM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 04:34 PM (IST)
हलाला कराने वाले मौलवियों के खिलाफ भी कोर्ट जाऊंगी
हलाला कराने वाले मौलवियों के खिलाफ भी कोर्ट जाऊंगी

जेएनएन, बरेली। ससुर से हलाला के बाद मां बनी मुरादाबाद की पीड़ित महिला, ससुर और शौहर के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराएंगी। बुधवार को राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी को पूरा घटनाक्रम बताने के बाद पीड़िता मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी के साथ कानूनी कार्रवाई का रुख करेंगी।

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फरहत नकवी के मुताबिक, ससुर के साथ हलाला नहीं हो सकता। इसलिए ससुर ने जो किया वह दुष्कर्म है। दूसरी बात, ससुर से हलाला के समय पीड़िता पहले शौहर की बीवी नहीं थी। इद्दत के समय शौहर ने उसके साथ जबरन संबंध बनाए, तो यह भी दुष्कर्म हुआ। यानी दोनों ने जो किया वह दुष्कर्म है। वहीं जिन मौलवियों ने हलाला कराया, वे भी दुष्कर्म में भागीदार हैं। इन सबके विरुद्ध पीड़िता की ओर से मुकदमा दर्ज कराने के बाद सुप्रीमकोर्ट जाऊंगी। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कानूनी मंत्री को पत्र लिखकर हलाला पर प्रतिबंध लगाने की मांग करूंगी।

--यह है घटनाक्रम : मुरादाबाद की युवती की शादी सम्भल के एक ट्रांसपोर्टर से 30 सितंबर 2015 को हुई थी। आरोप है कि दहेज में कार न देने को लेकर उन्हें प्रताड़ित किया और 24 दिसंबर 2015 को घर से निकालकर गांव के बाहर छोड़ दिया। वह मायके गई। शौहर ने तीन दिन बाद फोन पर तलाक दे दिया। समझौता की प्रक्रिया चली। दोबारा निकाह के लिए हलाला की शर्त सामने आई। फिर 24 दिसंबर 2016 को निकाह पढ़ाते वक्त जब पता लगा कि ससुर के साथ हलाला हो रहा है, तो उन्होंने मना कर दिया। दो मौलवियों के समझाने पर उन्होंने हलाला किया। रातभर ससुर के साथ रहीं। सुबह तलाक हो गया। युवती के मुताबिक वह तीन महीना 10 दिन की इद्दत पूरी करने लगी। इद्दत के समय ही शौहर ने जबरन संबंध बनाए। वह गर्भवती हो गई। बाद में शौहर से निकाह हुआ। उसे शक था कि बच्चा हलाला के समय का तो नहीं है। इसलिए वह बीवी का गर्भपात कराना चाहता था। बीवी नहीं मानी तो पंद्रह दिन कैद रखा। इसके बाद पुलिस पीड़िता को छुड़ाकर ले गई। पीड़िता ने मायके में बेटे को जन्म दिया जो अब दस महीने का है।

--डीएनए टेस्ट को राजी पीड़िता : औलाद किसकी है। यह सच सामने लाने के लिए पीड़िता डीएनए टेस्ट कराने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मैं न्याय की यह लड़ाई लड़ूंगी। घुट कर जी ली, अब और नहीं ऐसे जीना है। जिंदगी बर्बाद करने वालों को सजा दिलाकर रहूंगी।


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