Tiddi Dal Protection : विशेषज्ञ बोले - म्यूजिक बजेगा लाउड, तो टिड्डी दल होगा 'आउट'
टिड्डी दल का खतरा अब जिले में भी मंडराने लगा है। रविवार को टिड्डियों का एक दल बदायूं पहुंच चुका है।
बरेली, जेएनएन । Tiddi Dal Protection : टिड्डी दल का खतरा अब जिले में भी मंडराने लगा है। रविवार को टिड्डियों का एक दल बदायूं पहुंच चुका है। ऐसे में जिले में फसलों और पेड़-पौधों को लाखों-करोड़ों टिड्डियों से बचाने के लिए कृषि महकमे से जुड़े अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने अलर्ट जारी करते हुए बचाव के लिए जरूरी गाइडलाइन जारी की हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के मुताबिक सबसे अहम है तेज आवाज करना। वैसे तो टिन और ड्रम बजाकर शोर मचाया जा सकता है। लेकिन सबसे बेहतर है म्यूजिक सिस्टम।
तेज संगीत बजाने से विचलित होता है टिड्डी दल
इससे दो फायदे हैं। पहला आवाज ज्यादा तेज रहती है। दूसरा, सिस्टम लगातार आप लंबे समय तक बजा सकते हैं। तेज आवाज के संगीत से टिड्डी दल विचलित होता है और उस जगह से दूर चला जाता है। जिला कृषि रक्षा विभाग ने भी अलर्ट जारी करते हुए किसानों से टिड्डियां आने पर खेतों में शोर और धुआं करने को कहा है। टिड्डियों के हमले को लेकर कृषि विभाग की ओर से अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। साथ ही किसानों को फसलों पर रासायनिक कीट का छिड़काव करने के साथ कुछ सावधानियां बताई हैं। जैसे टिड्डियों में दिन में खाने और रात में अंडा देने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए जिन खेतों में टिड्डी रात में रुकती हैं, उन खेतों की सुबह जुताई कर देनी चाहिए।
1993 में कई राज्यों में किया था टिड्डियों ने हमला
विशेषज्ञ डा. अमित तिवारी बताते हैं कि भारत में यूं तो टिड्डियों का होता रहा है, लेकिन 27 साल बाद यह टिड्डी दल का अब तक का सबसे बड़ा आक्रमण है। इससे पहले 1993 में टिड्डियों ने कई राज्यों में हमला कर करोड़ों रुपये की फसल बर्बाद की थी। सबसे ज्यादा यहां नुकसान टिड्डी के हमले से सबसे अधिक फल, सब्जी, अनाज, फूल, पत्ती, बीज, पेड़ की छाल व टहनियों को टिड्डी खाती हैं। अलावा एक छोटे पौधे में हजारों की संख्या में टिड्डियों के लगने से वह नष्ट भी हो जाता है।
किसान बचाव के लिए यह करें काम
खेत के आसपास धुआं रखें, ढोल-नगाड़ा, टिन, ड्रम, थाली बजाएं। मैलाथियान (1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर), क्लारोपाइरीफास (दो लीटर प्रति हेक्टेयर), डाइक्लोरोवास (500 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर), बयूवेरिया बेसियाना (2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर) जैसे कीटनाशक 600-700 लीटर पानी में घोलें और खेतों में इसका छिड़काव करें।
टिड्डी दल पर एक नजर
15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती हैं टिड्डियां - एक दिन में 150 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम - एक टिड्डी दो ग्राम फसल खाने की क्षमता रखती है - एक वर्ग किलोमीटर के बड़े दल में चार करोड़ होती है टिड्डियां - तीन से पांच महीने होती है एक टिड्डी की उम्र - औसतन दो सप्ताह में अंडे से निकलती है बिना पंख वाली लिम्फ - 30 से 40 दिन में परिपक्व टिड्डी बन जाती है। इसके तीन से चार सप्ताह में प्रजनन में भी यह सक्षम हो जाती हैं।
टिड्डी दल के हमले की आंशका को लेकर पहले से ही तैयारी कर ली गई थी। हवा का रुख बदल जाने के कारण सीमावर्ती जनपदों में टिड्डी दल का अचानक हमला हुआ है। वहीं ग्रामीणों को भी अलर्ट कर दिया गया है। कृषि विभाग के अलावा अन्य विभागों के अधिकारियों को भी लगाया गया है। लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। - चंद्र मोहन गर्ग, सीडीओ