राज्यपाल पहुंचे रुहेलखंड विश्वविद्यालय, महात्मा ज्योतिबाफुले की प्रतिमा का किया अनावरण
एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय को 21 साल के इंतजार के बाद आखिरकार अपने नाम की पहचान मिल गई।
जेएनएन, बरेली। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय को 21 साल के इंतजार के बाद आखिरकार अपने नाम की पहचान मिल ही गई। राज्यपाल रामनाईक ने मंगलवार को विवि में प्रशासनिक भवन के सामने लगाई गई महात्मा ज्योतिबाफुले की प्रतिमा का अनावरण कर विवि को उसके नाम का प्रतीक दिया। इसके साथ ही उन्होंने दो हॉस्टल का उद्घाटन भी किया। इसके बाद राज्यपाल दीक्षा समारोह का उद्घाटन करने के लिए रवाना हो गए।
इससे पहले राज्यपाल रामनाईक बतौर कुलाधिपति रुहेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में शिरकत करने के लिए मंगलवार सुबह बरेली पहुंचे। राज्यपाल को सुबह करीब दस बजे राजकीय हेलीकॉप्टर से पहुंचना था, लेकिन बारिश व खराब मौसम के चलते उनका हेलीकॉप्टर एक घंटे विलंब के साथ पहुंचा। उनके साथ उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी दीक्षा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने विश्वविद्यालय पहुंचे। राज्यपाल व उप मुख्यमंत्री के विश्वविद्यालय पहुंचने पर कुलपति डॉ. एके शुक्ल ने उनका स्वागत किया। इसके बाद राज्यपाल ने प्रशासनिक भवन के सामने स्थापित की गई महात्मा ज्योतिबा फुल की प्रतिमा का अनावरण कर विश्वविद्यालय के 21 साल के उस इंतजार को खत्म किया। जिसकी मांग लंबे समय से उठती चलती आ रही थी। वो हैं नाम के प्रतीक। या यूं कहे महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमा स्थापना की। इसके मौके पर राज्यपाल ने लक्ष्मीबाई केलकर हॉस्टल और मैत्रेयी हॉस्टल का उद्घाटन भी किया। यहां से राज्यपाल दीक्षा समारोह का उद्घाटन करने रवाना हो गए।
--87 को गोल्ड मेडल, 365 को उपाधि
दीक्षा समारोह में 87 टॉपर्स को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। वहीं, 365 छात्र-छात्राओं को उपाधि का वितरण किया गया। इनमें 58 पीएचडी उपाधिधारक रहे। बाकी स्नातकोत्तर उपाधिधारक रहे। मेडल और उपाधि हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को निर्धारित यूनीफार्म में बुलाया गया था।
--दीक्षा समारोह में रही सख्त सुरक्षा व्यवस्था
दीक्षा समारोह के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सख्त रही। पुलिस कर्मी हर किसी पर नजर रखे रहे। बिना निमंत्रण पत्र के किसी को भी समारोह स्थल पर प्रवेश नहीं दिया गया। साथ ही किसी को भी काले कपड़े पहनकर या लेकर अंदर नहीं जाने दिया गया। दीक्षा समारोह में आमंत्रित अतिथियों को विश्वविद्यालय के डोहरा रोड स्थित गेट नंबर तीन से प्रवेश दिया गया। जबकि पीलीभीत बाईपास स्थित मुख्य गेट से वीवीआइपी और प्रशासनिक अधिकारियों का आवागमन चलता रहा। दीक्षा समारोह में किसी तरह का कोई विरोध न हो, इसके लिए पुलिस और खुफिया तंत्र की नजरें छात्र-नेताओं पर लगी रही। समारोह स्थल पर छात्र नेता अफसरों की रडार पर रहे।