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बच्चे घर में फिर भी शिक्षकों को बुला रहा सरकारी तंत्र, जानने के लिए पढ़े ये रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण का प्रसार तीव्र गति से बढ़ रहा है। संक्रमण को देख केंद्र सरकार ने 31 अगस्त तक स्कूल कालेज भी बंद कर दिए हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 11:30 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 11:30 PM (IST)
बच्चे घर में फिर भी शिक्षकों को बुला रहा सरकारी तंत्र, जानने के लिए पढ़े ये रिपोर्ट
बच्चे घर में फिर भी शिक्षकों को बुला रहा सरकारी तंत्र, जानने के लिए पढ़े ये रिपोर्ट

 शाहजहांपुर, जेएनएन । कोरोना संक्रमण का प्रसार तीव्र गति से बढ़ रहा है। संक्रमण को देख केंद्र सरकार ने 31 अगस्त तक स्कूल, कालेज भी बंद कर दिए हैं। लेकिन सरकारी तंत्र फिर भी शिक्षकों को विद्यालय आने को विवश कर रहा है। माध्यमिक स्कूलाें में तो प्रवेश प्रक्रिया के चलते शिक्षकों की उपस्थिति आवश्यक है, लेकिन सभी शिक्षकों के आने से फिजिकल डिस्टेसिंग यहां भी गायब है। बेसिक स्कूलों में तो कोई काम भी नहीं है, फिर भी सभी शिक्षकों को बुलाया जा रहा है। इससे शिक्षक संघ खफा है। प्राथमिक शिक्षक संध इस बावत बीएसए को ज्ञापन भी दे चुका है। माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से प्रदेश मुख्यालय पर ज्ञापन दिया जा चुका है। लेकिन संक्रमण के बीच शिक्षकों को बुलाने का आदेश बरकरार है।

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खर्च के साथ खतरा बढ़ा

जनपद में मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद समेत दो दर्जन इतर जिलों की शिक्षिकाएं बेसिक स्कूलों में कार्यरत है। इन्हें किराए की वैन व कार से ही स्कूल जाना पड़ता है। फिजिकल डिस्टेसिंग की वजह से अब एक वैन व कार में तीन से पांच शिक्षिकाएं ही जा पा रही है। इस कारण वैन चालकों ने किराया बढ़ाकर बजट को मेंटेन रखा है। इससे प्रतिमाह एक से डेढ़ हजार खर्च बढ़ा है, साथ ही संक्रमण का खतरा भी।

शिक्षको के स्वर

बेसिक स्कूलों में बच्चों की मनाही है। प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से बीएसए को ज्ञापन देकर आग्रह किया गया कि जररूत पर ही शिक्षकों को स्कूल बुलाएं। लेकिन शासन स्तर से बात नहीं मानी गई। मजबूरन उन शिक्षकों को भी स्कूल जाना पड़ता जिनका कोई काम भी नहीं।  राजकुमार तिवारी, जिला प्रवक्ता, प्राथमिक शिक्षक संघ

इन दिनों तो एडमिशन की वजह से शिक्षकों का आना जरूरी है। लेकिन जब जुलाई में राजकीय शिक्षक संघ ने ज्ञापन देकर आग्रह किया था कि वक्र फ्राम होम की दशा में शिक्षकों स्कूल न बुलाया जाए। लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ।  रणवीर सिंंह, प्रधानाचार्य जीआइसी

स्कूल बच्चों के लिए बंद है, शिक्षकों के लिए नहीं। शासन स्तर से भी इस आशय का आदेश जारी हुआ है। शासनादेश के क्रम में ही शिक्षकों को बुलाया जा रहा है। राकेश कुमार, बीएसए

कक्षा 11 में प्रवेश प्रक्रिया शुरू है। परीक्षा फार्म भी भरे जा रहे है। इस कारण शिक्षकों का विद्यालय में रहना जरूरी है। फिजिकल डिस्टेसिंग व मास्क के साथ कोविड लाइन लाइन अनुपालन कराया जा रहा है।

शौकीन सिंह यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक 


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