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Government School News : यूपी के सौ साल पुराने इस सरकारी स्कूल के आगे फेल है कान्वेंट स्कूल, यहां प्रवेश लेने के लिए लगती है लाइन

Bareilly Government School News बरेली के जसौली का यह सरकारी स्कूल अब कान्वेंट को भी पछाड़ रहा है। सौ साल पुराने इस स्कूल की दशा सुधारने के लिए उद्यमी हाजी शकील कुरैशी ने चार करोड़ रुपये खर्च किए।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 04:17 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 04:17 PM (IST)
Government School News : यूपी के सौ साल पुराने इस सरकारी स्कूल के आगे फेल है कान्वेंट स्कूल, यहां प्रवेश लेने के लिए लगती है लाइन
Government School News : यूपी के सौ साल पुराने इस सरकारी स्कूल के आगे फेल है कान्वेंट स्कूल

बरेली, जेएनएन। Bareilly Government School News : टाइल्स से चमकती हर दीवार और फर्श, मोह लेने वाली वाटिका और पढ़ाई के लिए स्मार्ट क्लास ऐसी कि कदम ठिठक जाएं। जसौली का यह सरकारी स्कूल अब कान्वेंट को भी पछाड़ रहा है। सौ साल पुराने इस स्कूल की दशा सुधारने के लिए उद्यमी हाजी शकील कुरैशी ने चार करोड़ रुपये खर्च किए। एक साल तक लगातार निर्माण कार्य होने के बाद अब यह अपने बदले स्वरूप में आ चुका है। रंगत ऐसी कि हर कोई आकर्षित हो जाए। हाल में ही प्रवेश शुरू हुए तो निजी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे भी अब यहां प्रवेश पाने के लिए लाइन लगाए हुए हैं।

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जसौली का यह स्कूल बदहाल हो चुका था। पिछले साल हाजी शकील कुरैशी ने स्कूल को संवारने की पहल की। डीएम नितीश कुमार के सामने प्रस्ताव रखा तो उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग से बात कर अनुमति दे दी। पुरानी इमारत को पूरी तरह गिराने के बाद अब नई बिल्डिंग तैयार हुई।

हर कक्षा में प्रोजेक्टर

स्कूल में 16 कक्षाएं हैें, जिन्हें स्मार्ट बनाया गया है। प्रत्येक में प्रोजेक्ट के जरिये पढ़ाई होगी। मार्डन टायलेट, कल्चरल रूम, कैंटीन, लाइब्रेरी बनाई गई है। एक बेंच पर एक छात्र बैठाने की व्यवस्था है। पैरों से चलाने वाले पानी के नल लगाए गए हैं।

एक वर्ष में दोगुनी बढ़ी छात्रों की संख्या

विद्यालय के प्रधानाध्यापक हरीश बाबू शर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष तक विद्यालय में छात्रों की संख्या 500 के करीब थी। लेकिन साल भर में विद्यालय का सुंदरीकरण होने के बाद वर्तमान में एक हजार के करीब छात्र-छात्राएं विद्यालय में पंजीकृत हैं। बताया कि विद्यालय ने निजी स्कूल की तर्ज पर छात्रों के लिए संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध हैं।

दो पालियों में संचालित हो सकती हैं कक्षाएं

प्रधानाध्यापक ने बताया कि स्कूल में छात्रों की संख्या पहले से ही काफी अधिक है। अभी भी हर रोज 10 से 15 अभिभावक अपने छात्रों के दाखिले के लिए विद्यालय पहुंच रहे हैं। ऐसे में अगर छात्रों की संख्या और अधिक होती है तो संभवत स्कूल में दो पालियों ने कक्षाएं संचालित होंगी।


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