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बैंक को पत्र दीजिए, फैक्ट्री के लिए लोन लीजिए

उद्यमियों के लिए घोषित तीन लाख करोड़ रुपये की राहत योजना की तस्वीर साफ हो गई है। बैंकों ने उद्यमियों को लोन का तरीका और सिस्टम बता दिया है। केवल एक पत्र देकर उद्यमी अब तक की सबसे कम 7.85 फीसदी ब्याज दर पर लोन ले सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 01:52 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 01:52 AM (IST)
बैंक को पत्र दीजिए, फैक्ट्री के लिए लोन लीजिए
बैंक को पत्र दीजिए, फैक्ट्री के लिए लोन लीजिए

बरेली, जेएनएन : उद्यमियों के लिए घोषित तीन लाख करोड़ रुपये की राहत योजना की तस्वीर साफ हो गई है। बैंकों ने उद्यमियों को लोन का तरीका और सिस्टम बता दिया है। केवल एक पत्र देकर उद्यमी अब तक की सबसे कम 7.85 फीसदी ब्याज दर पर लोन ले सकेंगे।

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बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रबंधक अतुल बंसल ने बताया कि हर उद्यमी को लोन के रूप में सीसी लिमिट या टर्म लोन मिलता है। 29 फरवरी को जिस उद्यमी का सीसी या टर्म लोन का जो भी आउटस्टैडिग होगा, उसका 20 फीसदी पैसा बैंक उद्यमी को लोन के रूप में देगा। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि यदि किसी की सीसी लिमिट एक करोड़ है और 29 फरवरी तक उसमें 90 लाख रुपये लिए। इस पर उसे 18 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि मिल जाएगी। केवल एक पत्र बैंक को देना होगा और पैसा खाते में आ जाएगा। जो पैसा नहीं लेना चाहेगा, बैंक उनसे भी एक पत्र लेगा। चार साल के लिए ये लोन दिया जाएगा। पहले साल कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। दूसरे वर्ष ब्याज सहित तीन साल की किस्त बनाई जाएगी। खाताधारक अपनी इच्छानुसार पहले भी भुगतान कर सकेगा। 31 अक्टूबर तक लोन के लिए आवेदन करना होगा।

लघु एवं मध्यम उद्यमों को मिलेगा दम

सरकार की ओर से दिए गए इस ऑफर से लघु एवं मध्यम उद्यमों को दम मिलेगा। इसके साथ ही रोजगार भी बढ़ेगा। लोन लेने के लिए व्यापारियों को काफी राहत दी गई है।

खाताधारकों को बैंक भेज रहा ऑफर लेटर

बताया कि बैंक अपने योग्य खाताधारकों को ऑफर लेटर भेज रहा है। जो भी खाताधारक इसके लिए आवेदन करेगा, उसके दस्तावेज जमा कराकर उसे आसानी से लोन मुहैया कराया जाएगा।

उद्यमी बोले, छोटे उद्योगों को नहीं मिलेगी राहत

भोजीपुरा इंडस्ट्रीयल एरिया के अध्यक्ष अजय शुक्ला ने बताया कि बैंक कि ओर से केवल उन्हीं को लोन दिया जा रहा है, जिनका पहले से ही लोन चल रहा है। नए उद्यमी को लोन नहीं दिया जा रहा है। सरकार की योजना सही है। बस इसमें कुछ सुधार किया जाना चाहिए। दो साल के लिए दिए जा रहे पैसे को लिमिट के साथ ही जोड़ देना चाहिए। आइआइए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेश सुंदरानी ने बताया कि योजना का लाभ नए उद्यम लगाने वालों को मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जबकि पुराने खाताधारक जिनका सही लोन चल रहा है, उन्हें बैंक आसानी से लोन दे रही है।

नए उद्यमों के लिए जगह तलाश रहा प्रशासन

प्रदेश सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन नए उद्यम लगाने के लिए जगह की तलाश कर रहा है। इसके लिए ग्राम समाज के साथ ही सरकारी खाली पड़ी जगहों को चिह्नित किया जा रहा है। बता दें कि वर्तमान में आइआइए में 480 इकाइयां पंजीकृत हैं, जिनमें से 80 फीसदी लघु एवं मध्यम हैं।


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