स्टूडेंट्स का झगड़ा कराकर रंगदारी वसूलता है गैंग
अमीर घरों के छात्रों से रंगदारी वसूलने वाला गैंग छात्रों के बीच झगड़ा कराता था।
बरेली (जेएनएन)। अमीर घरों के छात्रों से रंगदारी वसूलने वाला गैंग छात्रों के बीच झगड़ा कराता है और फिर गैंग एक छात्र गुट का मददगार बनकर वसूली का खेल शुरू कर देता है। यह गैंग स्कूल, कॉलेज व कोचिंग के बाहर घूमने वाले छात्रों पर नजर रखता है। इन एरिया में गैंग के मेंबर घूमते भी रहते हैं और फिर छात्रों से दोस्ती भी कर लेते हैं। कैंट एरिया के स्कूल में भी ऐसा मामला सामने आया था। जब एक पेरेंट्स ने इसका विरोध किया था तो छात्रों ने उस पर हमला बोल दिया था। छोटी रकम वसूली से शुरुआत
पुलिस जाच में आया कि जब भी छात्र पार्टी करते थे तो फर्नीचर कारोबारी का बेटा बिल चुका देता था, जिससे छात्रों ने उससे गहरी दोस्ती शुरू कर दी। यही नहीं उससे 5 या 10 हजार रुपए उधार भी माग लिए. जब छात्रों को लगा कि छात्र उनकी डिमाड पूरी कर रहा है तो फिर उन्होंने झगड़े की झूठी कहानी रची। जिसमें कहा कि उनका किसी से झगड़ा हो गया है और झगड़ा करने वाले उसके साथ मारपीट कर सकते हैं, लेकिन वह टेंशन न ले। वह उसकी सुरक्षा करेंगे. उसके बाद छात्रों ने बदमाशों से मुलाकात करा दी। उन्होंने ज्यादा रुपयों की डिमाड करना शुरू कर दी. यही नहीं छात्रों ने मर्डर में जेल में बंद एक शख्स के छूटने की झूठी कहानी रची। उसके बाद कहा कि वह मर्डर में उसका नाम ले देगा और फिर रुपए मंगा लिए। उसके बाद उसके भाई के अपहरण और पिता के मर्डर का डर दिखाकर ब्लैकमेलिंग की। रवि गोला का भी नाम
बरेली कॉलेज में गुंडागर्दी करने वाले रवि गोला का भी नाम ब्लैकमेलिंग गैंग में सामने आया है। रवि गोला के खिलाफ बारादरी और कोतवाली में पहले से ही एफआईआर दर्ज हैं। वहीं पुलिस की मानें तो अंकित तिवारी व अन्य साथियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हैं। शुभम उपाध्याय, हिस्ट्रीशीटर शानू उपाध्याय का भाई है. शानू उपाध्याय व उसके साथी मर्डर केस में जेल में बंद हैं। यह गैंग हर तरह से वारदातों को अंजाम देता है। पुलिस गैंग के सभी मेंबर्स का रिकॉर्ड खंगाल रही है। पहले भी सामने आए मामले
छात्रों को ब्लैकमेल करने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। शहर के नामी ज्वैलर्स अनिल पाटिल के बेटे से भी डराकर 10 लाख रुपए हड़पे गए थे। इस मामले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। प्रेमनगर एरिया में भी इस तरह की ठगी का मामला सामने आ चुका है। परिजन बच्चों पर रखें नजर
एक बार फिर से ब्लैकमेलिंग की वारदात से साफ हो गया है कि पेरेंट्स को अलर्ट हो जाना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। स्कूल-कॉलेज या फिर कोचिंग जाते वक्त वह किस के साथ घूमते हैं। वह समय से घर वापस आते हैं या नहीं। घर पर आने के बाद वह डरे तो नहीं हैं। इसके अलावा घर में रखे रुपए व ज्वैलरी तक उनकी पहुंच आसान तो नहीं है।