दो किलोमीटर दूर बेच रहा था फल, पुलिस ने माना हत्यारोपित
पुलिस ने गुडवर्क के चक्कर में बिना तफ्तीश के ही हत्या के मामले में फल विक्रेता भरत को जेल भेज दिया।
जागरण संवाददाता, बरेली : पुलिस ने गुडवर्क के चक्कर में बिना तफ्तीश के ही हत्या के मामले में फल विक्रेता भरत को जेल भेज दिया। मामला प्रेमनगर के बांके की छावनी में हुए ओमवती हत्याकांड से जुड़ा है।
फल विक्रेता के परिजनों का कहना है कि भरत का कसूर सिर्फ इतना था कि उसका दो महीने पहले ओमवती से नाली के लिए विवाद हुआ था। वह दो किलोमीटर दूर फल बेच रहा था। वहीं मुख्य हत्यारोपित अजय व उसके भाई विजय को पुलिस अभी तक नहीं पकड़ सकी। सूत्रों की माने तो हत्या के बाद दोनों एक विधायक के घर शरण ले रखी है। प्रेमनगर के बांके की छावनी निवासी वृद्धा ओमवती को मुहल्ले के ही अजय ने सिर में तमंचे से गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया था। अजय उसके भाई विजय के साथ ही मुहल्ले के भरत और दयाराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। रविवार को पूछताछ के बाद भरत को जेल भेजा गया।
परिवार पालने आया था राजनीति में फंसा
बकौल भरत वह पत्नी व दो बच्चों के साथ रहता है। कुछ समय पहले ही बेटी की शादी की थी। दो महीने पहले उसका नाली को लेकर ओमवती के परिवार से झगड़ा हुआ था जो बाद में खत्म हो गया। वह सीवान से यहां परिवार पालने आया था। फल का ठेला लगाकर परिवार के लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ होता है। पुलिस की तफ्तीश में उठे सवाल
- हत्या के वक्त भरत की लोकेशन वहां नहीं थी।
- अगर भरत अजय-विजय से मिला था कॉल डिटेल की जांच करनी थी।
- भरत साजिश में शामिल होता तो घटना के बाद क्यों रुका। भागा क्यों नहीं।
- हत्या के वक्त परिजनों ने सिर्फ अजय-विजय पर आरोप लगाया था। ओमवती हत्याकांड का वर्जन
भरत को नामजदगी के आधार पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। फरार तीन आरोपितों की तलाश की जा रही है। अभी तक चुनावी रंजिश की बात सामने आई है।
बलवीर सिंह, इंस्पेक्टर प्रेमनगर