दीपावली और धनतेरस पर छूट के फर्जी लिक
धनतेरस और दीपावली खुशियों के उत्सव है। बाजार गुलजार हैं।
बरेली, जेएनएन : धनतेरस और दीपावली खुशियों के उत्सव है। बाजार गुलजार हैं। साथ में ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए ऑफर लाती है। लाखों, करोड़ों रुपये के मोबाइल, लेपटॉप और गैजेट बिकते हैं। आपकी इन खुशियों में सेंध लगाने के लिए साइबर ठग भी सक्रिय है। इंटरनेट मीडिया पर ऑनलाइन सेलिग कंपनियों की तमाम फर्जी वेबसाइट और लिक तैयार हैं। महंगे उत्पाद को बहुत कम कीमतों पर देने का प्रलोभन देकर लोगों को इन वेब पेज तक खींचा जा रहा है। आपकी हल्की सी चूक त्योहार पर हजारों की चपत लगा सकती है। साइबर सेल अलर्ट रहने की अपील कर रही है। -------------
केस एक : नामी कंपनी की वेबसाइट से हुई ठगी
इंटरनेट मीडिया पर मीरगंज के रामस्वरूप ने नामी कंपनी के वेबपेज पर छूट का लिक देखा। खरीदारी के लिए उन्होंने लिक पर क्लिक किया। उनसे भुगतान के विकल्प में कई जानकारी भरवाई गई। औपचारिकता पूरी करते ही उनके बैंक खाते से 11 हजार रुपये निकल गए। मोबाइल पर बैंक मेसेज आने के बाद धोखे की जानकारी हुई।
केस दो : लिक पर क्लिक करते ही हैक हुई जानकारी
इज्जतनगर के युवक को मोबाइल खरीदना था। ऑनलाइन वेबसाइट के लिक पर जाते ही युवक के बैंक खाते की जानकारी हैक हो गई। साइबर ठग की तरफ से फोन भी आया। जिसमें खरीदारी के लिए और प्रेरित किया गया। लेकिन इस दौरान युवक के मोबाइल पर आठ हजार रुपये का बैलेंस कम होने का मेसेज आ चुका था।
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वेबसाइट का पता और जानकारी जांच लें
साइबर सिक्योरिटी देख रहे एसपी क्राइम सुशील कुमार के मुताबिक कोविड शुरू होने के बाद बेरोजगारों को ऑनलाइन प्लेसमेंट के नाम पर ठगने के लिए फर्जी वेबसाइट के सहारे लिए गए। अब त्योहारी सीजन में ऑनलाइन बिक्री करने वाली नामी कंपनियों के वेबपेज तैयार हुए हैं। कंपनी के वेबपेज पर जाने के बाद जरूरी है कि कंपनी का पता और जानकारी सर्च करें। ऑनलाइन वेबसाइट से खरीदे जाने वाले उत्पाद के सैंपल के विकल्प को जरूर जांच लें।
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गंवाने वालों के रुपये जुटाने में साइबर सेल का सहारा : केस एक : ट्रांजेक्शन पर लगी रोक तब मिली रकम
किला के रहने वाले व्यक्ति ने शॉपिग पर छूट मिलने के एक अनजान लिक पर क्लिक कर दिया। क्लिक करते ही व्यक्ति का मोबाइल हैकर ने हैक कर लिया और उसके खाते से 49998 रुपये उड़ा दिए। साइबर सेल से पीड़ित ने तत्काल शिकायत की। शिकायत मिलते ही साइबर सेल ने ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी, जिसके बाद युवक ठगी से बच पाया। केस दो : 24 घंटे के अंदर शिकायत करने से मिली मदद
ग्रीन पार्क के रहने वाले एक शिक्षक के पास फोन आया। बताया गया कि मैं बैंक अधिकारी बोल रहा हूं। आपका एटीएम बंद होने वाला है। एक ओटीपी भेजे जाने की बात बताई गई। जैसे ही व्यक्ति ने ओटीपी बताया उसके खाते से 38 हजार रुपये उड़ गए। पीड़ित ने साइबर सेल की 24 घंटे के अंदर मदद ली। साइबर सेल की मदद से उसकी रकम वापस हो सकी।
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थोड़ी सावधान, बड़े नुकसान से बचाएगी - वेबसाइट पर जाकर उसकी सत्यता के लिए कंपनी की जानकारी पढ़ लें।
- मोबाइल के रिकार्ड में एटीएम कार्ड और बैंक खाते की जानकारी स्टोर न करें।
- मोबाइल पर आए ओटीपी को किसी से भी साझा न करें।
- क्रेडिट कार्ड से निकासी की सीमा रखें।
- कंप्यूटर में एंटी वायरस रखें।
- डेट आफ बर्थ, मोबाइल नंबर, गाड़ी नंबर को पासवर्ड न बनाएं। मजबूत पासवर्ड बनाएं।
- साइबर क्राइम का शिकार होने पर सूचना 24 घंटे के अंदर थाने और साइबर सेल पर दें।
- यूपी कॉप एप पर भी शिकायत दर्ज कराएं।
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वर्जन
ऑनलाइन शॉपिग के समय बेहद सावधानी बरतें। संबंधित कंपनी की पंजीकृत वेबसाइट पर जाकर ही खरीदारी करें। अनजाने लिक पर बिल्कुल भी क्लिक न करें। छूट के फर्जी प्रलोभन से बचें। हमारी जानकारी में आने वाले मामलों की छानबीन करवाई जा रही है। - रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी