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डेबिट कार्ड बदलकर रुपये निकालने वाले हरियाणा के चार शातिर गिरफ्तार

डेबिट कार्ड बदलकर रुपये निकालने वाले चार सदस्यों को शुक्रवार सुबह खुदागंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके पास से तीन डेबिट कार्ड तमंचा कारतूस चाकू आदि बरामद हुआ है। पकड़े गए चारों लोग हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले हैंं।

By Vivek BajpaiEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 01:40 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 01:40 PM (IST)
डेबिट कार्ड बदलकर रुपये निकालने वाले हरियाणा के चार शातिर गिरफ्तार
डेबिट कार्ड बदलकर रुपये निकालने वाले हरियाणा के चार शातिर गिरफ्तार

शाहजहांपुर जेएनएन : डेबिट कार्ड बदलकर रुपये निकालने वाले चार सदस्यों को शुक्रवार सुबह खुदागंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके पास से तीन डेबिट कार्ड, तमंचा, कारतूस, चाकू आदि बरामद हुआ है। पकड़े गए चारों लोग हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले हैंं।

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जिले में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ने पर एसपी एस आनंद ने दो दिन पहले ही पुलिस को अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। शुक्रवार सुबह खुदागंज थानाध्यक्ष वकार अहमद मझिला रोड स्थित एक धार्मिक स्थल के पास चेकिंग कर रहे थे। तभी दिल्ली के नंबर की एक गाड़ी पुलिस को आती दिखाई दी। उसमेंं चार लोग सवार थे। पुलिस ने जब गाड़ी को रुकवाया तो उसमे सवार चारों लोग खेतों में भागने लगे। उन्हें पकड़ने के बाद जब तलाशी ली तो दो तमंचा, दो कारतूस, दो चाकू, पांच मोबाइल, तीन डेबिट कार्ड बरामद हुए। पूछताछ करने पर पकड़े गए लोगों ने अपना नाम हरियाणा के हिसार जिले के नारनौद थाना क्षेत्र के लोहारी राघो गांव निवासी राजेश सिंह, हिसार जिले के थाना हांसी क्षेत्र के मसूदपुर गांव निवासी मीनू, कृष्ण व बलजीत सिंह बताया। पुलिस ने जब थाने लाकर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि कम शिक्षित लोगों के कार्ड बदलकर रुपये निकाल लेते थे। एसपी एस आनंद ने बताया कि खुदागंज पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। यह अभियान लगातार चलेगा। जिसमे लोगों को साइबर क्राइम से बचने को लेकर जागरूक भी किया जा रहा है।

रुपये निकालने के बाद पहुंच जाते थे दूसरे जिले

पुलिस के मुताबिक यह लोग एक जिले में एक-दो घटनाओं को अंजाम देने के बाद दूसरे जिले या प्रदेश में चले जाते थे। ताकि पुलिस को किसी तरह का शक न हो।

यह अपनाते थे तरीका

मुख्य सरगना राजेश सिंह ने बताया कि मुख्य सड़क पर पड़ने वाले एटीएम के पास गाड़ी लगा देते थे। दो लोग एटीएम के अंदर व  दो बाहर रहते थे। जैसे ही कोई सामान्य व्यक्ति आता था तो उसका पासवर्ड नंबर देखने के बाद उसे झांसे में लेकर कार्ड बदल लेते थे। इसके बाद रुपये निकालने के बाद डेबिट कार्ड को फेंक देते थे।


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