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फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी कर रहे थे चार शिक्षक, दस साल बाद हुआ पर्दाफाश Bareilly News

चार शिक्षकों की सेवाएं बेसिक शिक्षा अधिकारी ने समाप्त कर दी। जबकि दो अन्य अन्य शिक्षक कार्रवाई से पहले ही ट्रांसफर ले चुके हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 06:27 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 06:27 PM (IST)
फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी कर रहे थे चार शिक्षक, दस साल बाद हुआ पर्दाफाश Bareilly News
फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी कर रहे थे चार शिक्षक, दस साल बाद हुआ पर्दाफाश Bareilly News

बरेली, जेएनएन : बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे चार शिक्षकों की हेराफेरी पकड़ी गई। एक शिक्षक 2015 और तीन शिक्षक 2009 और से विभाग में तैनात थे। जबकि अन्य दो शिक्षक पहले ही तबादला करा चुके थे। जांच पूरी होने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने चारों फर्जी शिक्षकों की सेवाएं खत्म कर दी।

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उच्च न्यायालय में आगरा की डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड की फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने वालो की खिलाफ सुनील कुमार ने अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय के आदेश पर एसआइटी मामले की जांच कर रही थी। जांच में पाया गया कि 2004-05 में डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि में 8132 छात्रों ने बीएड की परीक्षा दी थी। कुछ अधकारियों और कर्मचारियों ने खेल कर अधिक अंकों की करीब 11132 छात्र-छात्राओं को मार्कशीट जारी कर दी थी। इसके बाद प्रदेशभर के बीएसए को अपने यहां आगरा से बीएड करने वाले शिक्षकों की जांच करने को कहा गया था। जांच के आधार पर एसआइटी ने प्रदेश में 4570 शिक्षकों को फर्जी घोषित किया।

32 शिक्षकों ने आगरा विवि से किया बीएड

बरेली के 32 शिक्षकों ने 2004 में आगरा विवि से बीएड किया था। वर्तमान में मझगवां में तैनात सुखवीर सिंह, रामनगर में तैनात सौरभ विश्नोई, शेरगढ़ में तैनात जयपाल सिंह कुंतल और दमखोदा में तैनात रेखा रानी की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। इसके अलावा नीरज कुमार, तेजवीर सिंह पहले ही मैनपुरी और हाथरस ट्रांसफर हो चुके हैं।

सीडी में बंद शिक्षकों की ब्यौरा

शासन ने सीडी में फर्जी शिक्षकों का ब्यौरा मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक (एडी बेसिक) को भेजा था। एडी बेसिक ने सीडी को बीएसए को उपलब्ध कराते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सितंबर में शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिसके जवाब में फर्जी शिक्षकों ने संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया।

एसआइटी की जांच में चारों शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली। चारों से जवाब मांगा गया था। संतोषजनक जवाब न मिलने पर इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। - तनुजा त्रिपाठी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी 


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