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एएमयू के पूर्व कुलपति का पैगाम, मुसलमान गर्व से बोलें जय हिंद Bareilly News

जब कोई आपसे कहे कि तुम पाकिस्तान चले जाओ तब उनसे कहें कि यह बकवास है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 12:04 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 12:04 PM (IST)
एएमयू के पूर्व कुलपति का पैगाम, मुसलमान गर्व से बोलें जय हिंद Bareilly News
एएमयू के पूर्व कुलपति का पैगाम, मुसलमान गर्व से बोलें जय हिंद Bareilly News

बरेली, जेएनएन : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पूर्व कुलपति और सेना के लेफ्टिनेंट जनरल पद से सेवानिवृत्त जमीरुद्दीन शाह ने मुसलमानों को गर्व के साथ जय हिंदू का नारा लगाने का संदेश दिया है। इसलिए, क्योंकि हम अपने प्यारे वतन हिंदुस्तान से मुहब्बत करते हैं। वह ऊंचा रहे, विजयी रहे। उन्होंने कहा कि जब कोई आपसे कहे कि तुम पाकिस्तान चले जाओ, तब उनसे कहें कि यह बकवास है। यह मुल्क हमारा है। शाह ने पैगाम-ए-इंसानियत की 14वीं तालीम कांफ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में ये बातें कहीं।

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दीनी शिक्षा को लेकर उन्होंने दीनी मदारिस (धार्मिक शिक्षण संस्थानों) की सराहना की। वक्त के साथ यहां दुनियावी शिक्षा की जरूरत जताई। बोले कि बेशक उर्दू हमारी मादरी जुबान है। मगर कंप्यूटर और अंग्रेजी रोजी-रोटी की जुबान है। बच्चों को अंग्रेजी और कंप्यूटर में माहिर बनाएं। नई शिक्षा नीति पर बोले कि इसका गंभीरता से अध्ययन करें। दिल्ली स्थिति जामिया हमदर्द में नई शिक्षा नीति पर मंथन के लिए 15 जुलाई को बैठक बुलाई है।

एएमयू को बनाया जा रहा निशाना

एएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. जमीरुद्दीन शाह ने पत्रकारों से बातचीत में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जरूरत जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं हर हाल में रुकनी चाहिए। एएमयू को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि उसे जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।

दक्षिण से पिछड़े उत्तर भारत वाले

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जमाते इस्लामी हिंदू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एस अमीनुल हसन ने मुसलमानों की शिक्षा के आंकड़े रखे। उन्होंने कहा कि एएमयू में 75 प्रतिशत और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 50 प्रतिशत मुस्लिम छात्र पढ़ते हैं। जबकि उत्तर भारत के बाकी विश्वविद्यालयों में महज एक से तीन प्रतिशत तक ही मुस्लिम छात्र पहुंचते हैं। इसका कारण यहां आर्थिक पिछड़ापन है। उन्होंने बच्चों की सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि हर घर में एक पुस्तकालय बनाएं। बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करें।

संचालन पैगाम-ए-इंसानियत के अध्यक्ष अहमद अजीज ने किया। संस्थापक मरहूम डॉ. एजाज हसन खान को खिराजे अकीदत पेश की गई। अतिथि मुहम्मद खालिद, डॉ. शारिफ बदूद, मुहम्मद जिया खान, शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के डीन प्रो. शम्सुज्जमी, इकराम हुसैन आदि ने विचार रखे। इस दौरान इजहार अहमद, डॉ. इरशाद, अफजाल अहमद, मुहम्मद इमरान, मुहम्मद शारिक, मुहम्मद जुनैद खान, डॉ. शकील, मोहतशिम रजा, सउद शम्सी, डॉ. आरिफ, नदीम शम्सी आदि मौजूद रहे।


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