Loksabha Election 2019: सपा को बड़ा झटका, बदायूं के पूर्व विधायक आबिद रजा कांग्रेस में शामिल
सपा के पूर्व विधायक आबिद रजा के कांग्रेस में जाने के आसार दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस के वाट्सएप ग्रुप में प्रियंका वाड्रा के साथ आबिद रजा का फोटो पोस्ट होने के चर्चा तेज हो गई है।
जेएनएन, बदायूं : लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को एक और झटका लगा है। बदायूं सदर सीट से सपा के पूर्व विधायक आबिद रजा कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। मंगलवार को कांग्रेस के वाट्सएप ग्रुप में प्रियंका वाड्रा के साथ आबिद रजा का फोटो पोस्ट होने के बाद उनके सपा का साथ छोड़ने की चर्चा तेज हो गई थी। वहीं, बुधवार को उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद इसकी पुष्टि भी कर दी।
गठबंधन प्रत्याशी व अखिलेश के भाई धर्मेंद्र पर साधा निशाना
पूर्व विधायक आबिद रजा ने सपा छोड़ते ही सांसद व गठबंधन प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव के खिलाफ सियासी तीर छोड़े। चुनावी सीजन में एक बार फिर वही पुराने सवाल खड़े किए, जिनके आरोप पहले भी सांसद पर लगाते रहे हैैं। प्रेस वार्ता कर आबिद ने कहा कि मंच से ओवरब्रिज, फोरलेन बनाने का बखान होता है, लेकिन अंडरग्राउंड केबिल का नहीं। मेडिकल कॉलेज अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। कहा कि मैं सत्ता का लालची नहीं हूं। मशवराती काउंसिल का फायदा आजम खां को मिलेगा या उन्हें इस सवाल को वह टाल गए। आजम के खिलाफ प्रचार पर भी चुप्पी रही। हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी सलीम शेरवानी ने कहा कि वह खुद आजम खां के खिलाफ नहीं जाएंगे क्योंकि राजनीति और संबंध अलग बात है।
लंबे समय से धर्मेंद्र से चल रहे थे मतभेद
धर्मेंद्र यादव से आबिद रजा का मतभेद पहले भी कई बार जगजाहिर हो चुका है। इसी मतभेद के कारण उन्हें पार्टी से भी निकाला गया था, लेकिन 2017 विधान सभा चुनाव से पहले वह पार्टी में वापस आए थे और टिकट भी मिला था। बाद में गतिरोध और बढ़ता गया। हालांकि, बीच में आजम खां ने पहुंचने पर दावा किया जा रहा था कि समझौता हो गया है, लेकिन मंगलवार रात प्रियंका वाड्रा से मुलाकात के फोटो वायरल होने के बाद मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ गए।
सलीम इकबाल शेरवानी से करीबी संबंध
कांग्रेस प्रत्याशी सलीम इक़बाल शेरवानी से आबिद रजा के करीबी संबंध रहे हैं। जब शेरवानी का सपा से टिकट काटकर धर्मेंद्र यादव को यहां मैदान में उतारा गया था तब बगावत करने वालों में आबिद भी सबसे आगे रहे थे। आबिद के कांग्रेस में जाने के बाद बदायूं के चुनावी समीकरण बदलने की संभावना है।