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Bareilly Forest Department News : बरेली का वन विभाग भूला प्रदेश की विरासत, पूरी की कागजी कार्रवाई, चिन्हित कर छोड़े 100 वर्ष पुराने पेड़

Bareilly Forest Department News प्रदेश सरकार ने बीते वर्ष 100 साल से ज्यादा पुराने पेड़ों को विरासत वृक्ष घोषित करते हुए संरक्षित करने के निर्देश जारी किए थे। बरेली मंडल में धार्मिक महत्व वाले 71 पेड़ों को संरक्षित करने की लिस्ट शासन को भेजी गई।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 21 Aug 2021 01:57 PM (IST)Updated: Sat, 21 Aug 2021 06:26 PM (IST)
Bareilly Forest Department News : बरेली का वन विभाग भूला प्रदेश की विरासत, पूरी की कागजी कार्रवाई, चिन्हित कर छोड़े 100 वर्ष पुराने पेड़
Bareilly Forest Department News : बरेली का वन विभाग भूला प्रदेश की विरासत

बरेली, जेएनएन। Bareilly Forest Department News : प्रदेश सरकार ने बीते वर्ष 100 साल से ज्यादा पुराने पेड़ों को विरासत वृक्ष घोषित करते हुए संरक्षित करने के निर्देश जारी किए थे। बरेली मंडल में धार्मिक महत्व वाले 71 पेड़ों को संरक्षित करने की लिस्ट शासन को भेजी गई। इनकी निगरानी के लिए हर गांव में जैव विविधता समिति का गठन भी किया गया। लेकिन इतनी प्रक्रिया करके विभाग इन वृक्षों को भूल गया है। बरेली में कमिश्नर कार्यालय, कलक्ट्रेट में लगे पेड़ों सहित 32 पेड़ चिह्नित किए गए। जो कि सभी धार्मिक महत्व वाले थे। सबसे ज्यादा संख्या पीपल के पेड़ों की है। बरगद व नीम के पेड़ भी शामिल हैं। शाहजहांपुर में 18, बदायूं में 15, पीलीभीत में छह पेड़ चिन्हित किए गए थे।

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शासन के निर्देश पर मंडल के चारों जिलों में पेड़ों को चिन्हित कर केवल कागजी खाना पूर्ति करके छोड़ दिया गया। शासन द्वारा 100 साल से अधिक पुराने पेड़ों का चयन कर उनकी सूची मांगी गई थी। ऐसे चयनित सभी पेड़ों का विभाग द्वारा संरक्षण संवर्धन किए जाने के दिशा निर्देश भी दिए गए थे। वन विभाग की ओर से पेड़ों का चयन कर सूची शासन को भेज दी गई थी। लेकिन इसके बाद वन विभाग ने उन पेड़ों की ओर मुड़कर नहीं देखा है। उनका चयन होने के कई महीनों बाद भी अभी तक उनके संरक्षण संवर्धन के लिए कोई भी प्रयास शासन या विभाग द्वारा शुरु नहीं किया गया है। कागजी कार्रवाई होने के बाद यह पेड़ अब अपने संरक्षण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व के हैं पेड़

जिले में चयनित पेड़ों में ब्रज के ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्व के पेड़ों की संख्या अधिक है। आध्यात्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से इन पेड़ों का श्रद्धालुओं में बड़ा महत्व है। महत्व होने के बावजूद उनके संरक्षण संवर्धन के कोई खास प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

शासन के निर्देश पर मंडल में पेड़ों का चयन कर लिया गया है। अब उनके संरक्षण संवर्धन के लिए शासन की गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है। जिसके आते ही कार्य शुरु कर दिया जाएगा। - जावेद अख्तर, कंजरवेटर


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