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शाहजहांपुर में दिखा विदेशी पक्षी, पैरों में बंधी इलेक्ट्रानिक डिवाइस

शाहजहांपुर जिले के अल्हागंज थाना क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार को एक संदिग्ध विदेशी पक्षी दिखने पर खलबली मच गई।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 02:00 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 12:15 PM (IST)
शाहजहांपुर में दिखा विदेशी पक्षी, पैरों में बंधी इलेक्ट्रानिक डिवाइस
शाहजहांपुर में दिखा विदेशी पक्षी, पैरों में बंधी इलेक्ट्रानिक डिवाइस

शाहजहांपुर(जेएनएन)। जिले के अल्हागंज थाना क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार को एक विदेशी पक्षी दिखने पर कौतूहल मच गया। इस पक्षी के एक पैर में इलेक्ट्रानिक डिवाइसनुमा कोई चीज बंधी थी। जबकि दूसरे में टैग लगा हुआ था, जिस पर नंबर लिखा था। सूचना पर पुलिस व वन विभाग की टीम पहुंची, तब तक पक्षी वहां से उड़कर करीब दो किमी. दूर खेत में चला गया। पकडऩे के दौरान कंटीले तार की चपेट में आकर उसके चोट भी लग गई।

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बुधवार सुबह करीब सात बजे कस्‍बे के कुछ लड़के सीएचसी के पास क्रिकेट खेलने गए थे। वहां उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र के मैदान में विदेशी पक्षी को देखा। उसके पैरों में कुछ बंधा होने का आभास हुआ तो नजदीक जाकर देखा। पक्षी वहां से उड़कर कुछ दूर बैठ गया। जिस पर उन लड़कों ने 100 नंबर पर सूचना दी। वन विभाग को भी इस बारे में बताया गया। इसके बाद वहां पक्षी को देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई। जिस पर पक्षी वहां से करीब दो किमी. साहबगंज के खेत में चला गया।

सूचना पर वन दारोगा वीरेंद्र सिंह यादव अपनी टीम के साथ पहुंचे और पक्षी को पकड़ लिया। पक्षी कौन सा है, इस बारे में वह कुछ भी नहीं बता पाए। वह उसे लेकर जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय पर रवाना हो गए। पक्षी के पैर में बंधी डिवाइस व टैग को पुलिस ने ले लिया, लेकिन ज्यादा जानकारी न होने पर वन विभाग को सौंप दी। टैग पर नंबर टी-7 लिखा है। वन कर्मियों का मानना है कि यह पक्षी विदेशी है। उसकी लोकेशन ट्रेस करने के लिए यह डिवाइस लगायी गई होगी। हालांकि, जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। 

डीएफओ बोले, साइबेरियन पक्षी डेमोइसेल क्रेन है

साइबेरियन पक्षी डेमोइसेल क्रेन है। इसे भारत में कुरंजा भी कहा जाता है। यह पक्षी साइबेरिया से उड़कर झुंड में आते हैं। राजस्थान के बीकानेर व जोधपुर के तालाबों में इनकी संख्या ज्यादा मिलती है। यह पक्षी झुंड से अलग हो गया होगा। इसके पैर में टैग नंबर के अलावा ट्रैकिंग डिवाइस लगी है, जिससे इसकी लोकेशन ट्रेस की जाती है।
- गोपाल ओझा, डीएफओ, शाहजहांपुर


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