Positive India : बरेली के लोगों मेें पहली बार देखा ऐसा सब्र Bareilly News
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने का जो सब्र शहर के लोगों में दिखा। ऐसा सब्र पहले कभी देखने को नहीं मिला।
बरेली, जेएनएन : समय के साथ बदलते शहर को न सिर्फ देखा, बल्कि शिद्दत से इस बदलाव को मैंने महसूस भी किया है। बीते वर्षों में तेजी से हुए विकास ने शहर की सूरत बदल दी। बल्कि लोगों की जीवनशैली भी काफी हद तक बदल गई, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने का जो सब्र शहर के लोगों में दिखा। ऐसा सब्र पहले कभी देखने को नहीं मिला।
पहले भी शहर में कई मर्तबा नाइत्तेफाहकी का दौर आया, शहर को कई बार कफ्र्यू जैसे हालात से जूझना पड़ा लेकिन ऐसे हालात नहीं थे। क्योंकि इस बार पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है लोगों को एक खतरनाक वायरस से होने वाली बीमारी से बचाने के लिए। लोगों से खुद अपील की जा रही है कि वे आवश्यक सामाजिक दूरी बनाए रखें। किसी को छुएं नहीं, दूर से ही बात करें। ऐसे हालात इस शहर ने कभी नहीं देखे थे। पूरी दुनिया जिस कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रही है, बरेली में फिलहाल तो कोई ऐसा केस नहीं मिला और लोग अब से भी सतर्क व सजग रहें तो आगे भी ईश्वर हम सबको सुरक्षित रखेगा।
आज मानवता की रक्षा को सभी लोग एकजुट दिख रहे हैं, ताकि कोरोना वायरस को हराया जा सके। इसलिए जनता कफ्र्यू का सभी ने पालन किया। चाहे वह किसी भी धर्म के हों, सभी ने एक दूसरे को इसके लिए प्रोत्साहित किया, कि वह इसका पालन करें। लॉकडाउन में भी लोगों का वही धैर्य देखने को मिल रहा है। मस्जिदों और दरगाहों पर नमाज नहीं हो रही है। सिर्फ इसलिए कि सामाजिक दूरी कायम रहे, जिसके चलते दरगाह पर माह के अंत में होने वाला उर्स का कार्यक्रम भी रद कर दिया।
कोरोना को हराने के लिए बनाए रखें सामाजिक दूरी : कोरोना वायरस को हराने के लिए जैसा सब्र अभी तक लोगों ने दिखाया है। ऐसा ही सब्र कुछ दिन और बनाए रखने की जरूरत है। समाजहित में सामाजिक दूरी रखें, तो निश्चित ही कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोका जा सकेगा।- शब्बू मियां नियाजी, प्रबंधक, खानकाह-ए-नियाजिया