काले बादलों ने बढाई बरेली के लोगों की फिक्र मुसीबत में पड सकते हैं कई गांव
बारिश से रामगंगा समेत सभी छोटी बड़ी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जिससे बाढ़ आने का भी खतरा उत्पन्न हो रहा है।
बरेली, जेएनएन। बारिश से रामगंगा समेत सभी छोटी बड़ी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जिससे बाढ़ आने का भी खतरा उत्पन्न हो रहा है। प्रशासन ने इसी खतरे को देखते हुए क्षेत्र में 14 बाढ़ चौकी ,10 नाव ,5 शरणालय के साथ तहसील कार्यालय पर कंट्रोल रूम खोला गया है।
बुधवार को एसडीएम ममता मालवीय ने राजस्व कर्मियों के साथ बहगुल नदी किनारे बसे सुल्तानपुर और कस्बा शाही दोनों स्थानों का जायजा लिया। ब्लॉक शेरगढ़ के गांव सुल्तानपुर में बहगुल नदी की धार आबादी से बमुश्किल 10- 12 मीटर पर बह रही है। इससे ग्रामीण सहमे हुए हैं। हालांकि, बाढ़ खंड इस गांव को बचाने के लिए शासन से मिली धनराशि से बाढ़ सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता कर रहा है। एसडीएम ने माना कि सुल्तानपुर गांव की खेती और आबादी को खतरा बना हुआ है।
उन्होंने मौजूद ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि बाढ़ परियोजना के निर्माण कार्यों में तेजी लाने को बाढ़ खंड अभियंता से बात करेंगी ।इसके बाद एसडीएम ने शीशगढ़-धनेटा रोड पर मिर्जापुर-शाही एप्रोच रोड की स्थिति देखी। कस्बा शाही आबादी क्षेत्र पर भी खतरा मंडरा रहा है। एसडीएम ने माना कि यदि इस बहगुल नदी की धारा को नहीं बदला गया तो खतरा हो सकता है। इस क्षतिग्रस्त एप्रोच रोड की मरम्मत के नदी कटान रोकने को सुरक्षात्मक कार्य पीडब्लूडी से होने हैं।
विधायक डॉ. डीसी वर्मा इस मामले को विधान सभा में उठा चुके हैं। फिर भी पीडब्ल्यूडी गंभीर नहीं है। एसडीएम ने ग्रामीणों से सजग रहने को कहा है। उन्होंने बाढ़ राहत चौकियों को भी देखा। बताया कि तहसील के बीआरसी कार्यालय पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूम खोला गया है, जिसका फोन नंबर (0581- 2565024) है। यह कंट्रोल रूम चौबीस घंटे काम करेगा। बाढ़ संबंधी सूचना मिले तो कंट्रोल रूम पर तुरंत दें। 10 स्थानों, नदी घाटों पर नावों की व्यवस्था की गई है।
हुरहुरी ,बहरौली ,नंदगांव, बल्लिया, फतेहगज पश्चिमी में बाढ़ पीड़ितों के लिए शरणालय की व्यवस्था की है। पूरी रिपोर्ट डीएम को भेजी जा रही है। नदी कटान रोकने की दिशा में पीडब्ल्यूडी एवं बाढ़ खण्ड अभियंताओं के साथ बैठक की जाएगी।