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पीलीभीत में जिला प्रशासन की जांच में मिले पांच फर्जी लोकतंत्र सेनानी

हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई करने के बाद जिलाधिकारी से छह हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 01:44 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 01:44 PM (IST)
पीलीभीत में जिला प्रशासन की जांच में मिले पांच फर्जी लोकतंत्र सेनानी
पीलीभीत में जिला प्रशासन की जांच में मिले पांच फर्जी लोकतंत्र सेनानी

पीलीभीत, जेएनएन : जिला प्रशासन की जांच में पांच फर्जी लोकतंत्र सेनानी मिले हैं। इन लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? यह अभी साफ नहीं है। फिलहाल, अपर जिलाधिकारी न्यायिक ने मामले की जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है।

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इमरजेंसी के दौरान जेल जाने लोकतंत्र सेनानियों को सरकार प्रति माह 20,000 रुपये पेंशन देती है। लोकतंत्र सेनानी संगठन के अध्यक्ष अशोक शम्सा एडवोकेट और महामंत्री तौसिफ अहमद आदि ने जिले में बड़े पैमाने पर फर्जी लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन देने की शिकायतें की थीं, लेकिन जिला स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हुई। बाद में मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई करने के बाद जिलाधिकारी से छह हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। वहीं, लोकतंत्र सेनानी संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने गत 13 नवंबर और पांच दिसंबर को जिला प्रशासन को साक्ष्यों के साथ प्रत्यावेदन दिया था। इसमें 23 लोग के फर्जी तरीके से लोकतंत्र सेनानी पेंशन लेने का उल्लेख किया गया था। जिलाधिकारी ने मामले की जांच अपर जिलाधिकारी न्यायिक देवेंद्र प्रताप मिश्र को सौंपी थी।

एडीएम न्यायिक की जांच रिपोर्ट में पांच ऐसे लोग पाए गए हैं, जो फर्जी तरीके से लोकतंत्र सेनानी पेंशन लेते रहे हैं। इनमें बीसलपुर के रामपाल एवं घासी, शहर के अखिलेश, अब्दुल वली खां एवं हारून खां के नाम का उल्लेख किया गया है। जांच के दौरान पांचों लोगों के पास लोकतंत्र सेनानी होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। फिलहाल अपर जिलाधिकारी न्यायिक ने डीएम को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि, फर्जी पाए गए लोकतंत्र सेनानियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? यह अभी तक साफ नहीं है। एडीएम ने बताया कि जांच के बाद रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है। 


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