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जबरन हलाला में ससुर पर दुष्कर्म का मुकदमा, मौलाना ने गलत व्याख्या का लगाया आरोप

महिला की तहरीर पर ससुर के अलावा पति, तीन देवर, सास व ननद पर भी दहेज उत्पीडऩ, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 08:48 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 01:52 PM (IST)
जबरन हलाला में ससुर पर दुष्कर्म का मुकदमा, मौलाना ने गलत व्याख्या का लगाया आरोप
जबरन हलाला में ससुर पर दुष्कर्म का मुकदमा, मौलाना ने गलत व्याख्या का लगाया आरोप

बरेली (जेएनएन)। पति पर जबरन हलाला कराने का आरोप लगाने वाली महिला ने मंगलवार को ससुर पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया है। संभवत: देश का यह पहला ऐसा मामला है जब हलाला करने वाले पर दुष्कर्म की धारा लगी है। किला थाने के इंस्पेक्टर केके वर्मा ने बताया कि महिला की तहरीर पर ससुर के अलावा पति, तीन देवर, सास व ननद पर भी दहेज उत्पीडऩ, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया है। तीन तलाक के बाद अब हलाला को लेकर देशभर में शोर मचा हुआ है। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा हुआ है। हलाला को दुष्कर्म की श्रेणी में रखे जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठ रही है। ऐसे में हलाला को दुष्कर्म मानते हुए दर्ज हुई रिपोर्ट ने नई बहस छेड़ दी है। 

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सोमवार को आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान को इस्लाम से खारिज होने का फतवा जारी होने के बाद मंगलवार को बड़ा घटनाक्रम हुआ। निदा के साथ मिलने पहुंची हलाला पीडि़ता की बात सुनने के बाद बरेली के एसएसपी मुनिराज जी. ने मुकदमे के आदेश कर दिए। पुलिस ने देर शाम ससुर के अलावा अन्य पर दहेज उत्पीडऩ, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

यह है पूरा मामला

तीन तलाक पीडि़ता की 2009 में प्रेमनगर क्षेत्र के युवक से शादी हुई थी। आरोप है कि शादी के बाद घर वाले उसे दहेज के लिए परेशान करने लगे। 15 दिसंबर 2011 को पति ने तीन तलाक कहकर बाहर कर दिया। जब उसने घर पर रखने को कहा तो ससुराल वालों ने ससुर के साथ निकाह, फिर हलाला का दबाव बनाया। पीडि़ता ने साफ मना किया। आरोप है कि ससुराल वाले उसे मारने-पीटने लगे, उसे कई-कई दिन भूखा रखा जाता था। नशे के इंजेक्शन लगाए जाते थे।

ससुर से कराया निकाह

आरोप है कि नशे में ही इजाजत के बिना पीडि़ता का निकाह ससुर से करा दिया गया। इसके बाद ससुर ने उसके साथ दुष्कर्म किया, फिर तलाक दे दिया। ससुर केतलाक देने के बाद उसका दोबारा पति के साथ निकाह कराया गया। पीडि़त महिला का कहना है कि पति से निकाह के बाद भी ससुर आए दिन उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। कुछ समयबाद पति ने फिर उसे तीन तलाक दे दिया। इस बार ससुराल वालों ने शर्त रखी कि उसे अपने देवर के साथ निकाह व हलाला करना पड़ेगा, जिसे उसने नहीं माना और मायके चली आई।

पीडि़ता ने तहरीर देकर दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगाया था। उस पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।

- मुनिराज जी., एसएसपी

तलाक की शर्त पर नहीं हो सकता हलाला : देवबंदी उलमा

हलाला को लेकर बरेली में ससुर और शौहर पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने के मामले में देवबंदी उलमा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उनका कहना है कि मुस्लिम मसलों को जान-बूझकर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। समाज में तलाक जैसी बुराई को खत्म करने के लिए हलाला का प्रावधान है। हलाला कभी शर्तों के आधार पर नहीं हो सकता। तंजीम अबना ए दारुल उलूम के अध्यक्ष मौलाना याद इलाही कासमी ने कहा कि बहू द्वारा ससुर पर लगाये गए आरोप में कितनी सच्चाई है, ये तो कानूनी जांच ही बता पाएगी। जहां तक हलाला का सवाल है तो वो शर्तों के आधार पर नहीं होता है।

हलाला को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। दारुल उलूम अशरफिया के मोहतमिम मौलाना अशरफ कासमी ने कहा कि हलाला समाज में तलाक की गंदगी को समाप्त करने के लिए एक प्रावधान है। दंपती छोटी-छोटी बातों पर एक दूसरे से अलग होकर पछताते हैं। अपनी गलती का अहसास होने पर फिर एक होना चाहते हैं, ऐसे लोगों को तलाक से डराने के लिए शरीयत में हलाला का प्रावधान है। जिससे समाज में तलाक के प्रति दहशत हो। जिससे किसी औरत का शोषण न हो सके।  

हलाला के खिलाफ हमारी लड़ाई को मजबूती मिली: समीना

सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक और हलाला के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाली सम्भल जिले की समीना बेगम ने कहा कि बरेली में हलाला मामले में ससुर और देवर के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होना हमारे मुद्दे की जीत है। यह पुलिस का बिल्कुल सही कदम है। इससे हलाला के खिलाफ हमारे अभियान को मजबूती मिलेगी। हलाला सभ्य समाज में महिला के सम्मान के खिलाफ एक बड़ी साजिश है।


समीना ने कहा कि हलाला के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है । इसमें बरेली की निदा खान भी सहयोग कर रही हैं, जिन्हें इस्लाम से निष्कासित करने का फतवा दे दिया गया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक व हलाला के हिमायती लोग आए दिन हमें धमकियां दे रहे हैं, लेकिन अब इस मुद्दे पर आरपार की लड़ाई होगी। जब हलाला की पीड़ित महिला का मुकदमा दर्ज हुआ तो यकीन मानिए हमारी इस लड़ाई को बल भी मिला है।

अब हम और मजबूती के साथ हलाला व तीन तलाक को खत्म करने का अभियान चलाएंगे । सुप्रीम कोर्ट में 20 जुलाई को हमारी याचिका पर सुनवाई होनी है और इस दिन हम अपनी बातों को और दमदारी के साथ रखेंगे। समीना ने हलाला और तीन तलाक को लेकर लड़ी जा रही अपनी लड़ाई के संबंध में कहा कि इसे कुचलने की साजिश कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा रची जा रही है।
 

बरेली में ससुर से हलाला कराने के मामले की जांच होनी चाहिए। वह कौन मौलाना है, जिसने उसके ससुर के साथ निकाह पढ़ाया। पीडि़त महिला इस संबंध में अभी तक कोई सबूत पेश नहीं कर सकी है और न ही मौलाना के बारे में कोई जानकारी दी है। ऐसे में बिना तफ्तीश मामले को उछाला जाना गलत है। समाज के लिए यह हास्यापद विषय बन जाएगा। इस प्रकरण में यदि किसी भी तरह से कोई महिला भी शामिल है तो उसकी जांच होनी चाहिए। यदि मामला फर्जी उठाया गया है तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

- नाईश हसन, महिला एक्टिविस्ट

बरेली का मामला मेरे संज्ञान में है। मेरी पीडि़त महिला से फोन पर बात भी हुई है। पीडि़त महिला के साथ जो हुआ वह बेहद अफसोसनाक है। हलाला के नाम पर मासूम लड़कियों की जिंदगियों का तमाशा बना दिया गया है। महिलाओं के आत्मसम्मान व आत्मस्वाभिमान को गला घोंटकर उनको इस गुनाह के लिए जबरन तैयार कराया जाता है। पुलिस को इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने वर्ष 2008 में हलाला को दुष्कर्म की धाराओं में शामिल करने के लिए याचिका दायर की थी। हलाला करने पर दुष्कर्म के अपराध की सजा होनी चाहिए।

- शाइस्ता अंबर, अध्यक्ष, ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड


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