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कोरोना संक्रमण का दिखा खौफ, पहले दिन पांच फीसद छात्र पहुुंचे स्कूल, अभिभावक बोले- अभी स्कूल भेजना ठीक नहीं

कोरोना की वजह से ज्यादातर अभिभावकों ने पहले दिन अपने बच्चों को स्कूल भेजना ठीक नहीं समझा। नतीजा स्कूलों में छात्र संख्या बेहद कम रही। वहीं जो अभिभावक अपने बच्चों को लेकर आए उन्होंने पहले स्कूल की व्यवस्था देखी फिर सहमति पत्र पर साइन किया।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 06:36 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 06:36 PM (IST)
कोरोना संक्रमण का दिखा खौफ, पहले दिन पांच फीसद छात्र पहुुंचे स्कूल, अभिभावक बोले- अभी स्कूल भेजना ठीक नहीं
कोरोना संक्रमण का दिखा खौफ, पहले दिन पांच फीसद छात्र पहुुंचे स्कूल, अभिभावक बोले- अभी स्कूल भेजना ठीक नहीं

बरेली, जेएनएन। कोरोना की वजह से ज्यादातर अभिभावकों ने पहले दिन अपने बच्चों को स्कूल भेजना ठीक नहीं समझा। नतीजा, स्कूलों में छात्र संख्या बेहद कम रही। वहीं जो अभिभावक अपने बच्चों को लेकर आए, उन्होंने पहले स्कूल की व्यवस्था देखी, फिर सहमति पत्र पर साइन किया। वहीं, जो बच्चे स्कूल आए, उनके चेहरे पर खुशी थी। ओवरऑल पहले दिन स्कूल में चार से पांच फीसद छात्रों की उपस्थिति रही।

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मेरी बेटी नैना दीक्षित 11वीं कक्षा की छात्रा है। सोमवार को उनसे पंजीकरण के लिए स्कूल गए थे। ऑनलाइन क्लास अच्छी चल रही हैं। इसलिए अभी कोरोना की स्थिति को देखते हुए रेगुलर स्कूल भेजना ठीक नहीं है। संजय दीक्षित

अगर बेटी को शिक्षकों से कुछ पूछने की जरूरत होगी तो उसे भेजेंगे या खुद लेकर जाएंगे। पढ़ाई भी जरूरी है। लेकिन कोरोना संक्रमण को भी ध्यान में रखना है। वैसे ऑनलाइन पढ़ाई तो चल ही रही है। विवेक बंसल

इतने दिन बाद स्कूल खुला है। इसलिए बेटे को साथ लेकर व्यवस्था देखने आया हूं। ऑनलाइन क्लास चल रही है। बेटे की इच्छा थी, सहमति पत्र दे दिया है।हसीन

बच्चा स्कूल जाने के लिए बोल रहा था। मैंने सोचा साथ लेकर स्कूल में बात कर लूं। कोरोना तो है ही, लेकिन पढ़ाई भी जरूरी है। स्कूल में व्यवस्था सही रही तो रेगुलर भेजूंगा। मो. सुहैल

कोरोना संक्रमण की वजह अभी स्कूल भेजने का मन नहीं है। लेकिन बेटा जिद कर रहा था। उसकी खुद की इच्छा थी, इसलिए भेजने पर सहमत हुआ हूं।रवि कुमार शर्मा, अभिभावक

छात्र बोले : अब तो पढ़ाई जरूरी

कोविड की वजह से काफी दिन स्कूल बंद रहे। ऑनलाइन पढ़ाई तो चल रही थी, लेकिन क्लास टीचिंग की बात नहीं है उसमें। अब स्कूल खुला है, धीरे-धीरे व्यवस्था सुधरेगी। उवैस, कक्षा 10, बरेली इंटर कॉलेज

पहला दिन है, इसलिए बच्चे कम आए हैं। मैंने पापा से सहमति पत्र साइन करा कर स्कूल में दिया है। मैं पढ़ने आना चाहता हूं। सुनील, कक्षा 10, बरेली इंटर कॉलेज

पढ़ाई के लिए स्मार्ट फोन नहीं था। दिक्कत थी। इसलिए स्कूल खुलने का इंतजार कर रहा था। अब रेगुलर आकर पढ़ाई करूंगा। आयुष कुमार, कक्षा 9, एसवी इंटर कॉलेज

घर में स्कूल जैसी पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। लेकिन मजबूरी थी। अभिभावक से सहमति पत्र लेकर आया हूं।प्रशांत, कक्षा 9, एसवी इंटर कॉलेज

स्कूल में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो रही थी। मेरे पास स्मार्ट फोन भी नहीं था। दिक्कत हो रही थी। अब कोविड से बचाव के तरीके अपनाते हुए स्कूल आना शुरू कर दिया।कशिश, कक्षा 9, इस्लामिया गर्ल्स इंटर कॉलेज

कल ही किताबें लेकर आई हूं। फोन न होने से ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं थी। अब स्कूल खुल गए हैं तो क्लास भी शुरू हो गईं। अनामता, कक्षा 9,

इसलामिया गर्ल्स इंटर कॉलेजकोटकई स्कूलों का निरीक्षण किया गया। बहुत से अभिभावक अभी बच्चों को भेजने के लिए सहमत नहीं हैं। जिले में पहले दिन 4 से पांच फीसद तक ही छात्र उपस्थिति रही। डॉ. अमर कांत सिंह, डीआइओएस

एसवी इंटर कॉलेज में सुबह की पाली में 75 छात्र आए। लेकिन उनमें से 30 के पास ही अभिभावकों का सहमति पत्र था। इसलिए बाकी को वापस कर दिया गया। दूसरी पाली में 15 छात्र उपस्थिति हुए।

सुरेश नगर स्थित एसएसवी इंटर कॉलेज में 25 फीसद छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए। एक कक्षा में 15 छात्रों को बैठाने की व्यवस्था की गई। प्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा ने बताया कि विद्यालय में आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सारे इंतजाम किए गए हैं। 


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