बरेली में बैंक से नहीं मिले रुपये, किसान ने चौखट पर तोड़ दिया दम
बैंक कर्मियों ने किसान की दयनीय हालात को नजरअंदाज किया और परिजनों को कागजी पेचदगियों में ऐसा उलझाया कि इलाज से पहले ही उसे मौत आ गई।
बरेली (संवाद सूत्र)। बरेली में बैंक कर्मियों की संवेदनहीनता की इंतहा देखने को मिली। गंभीर रूप से बीमार एक किसान ने शनिवार को बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) की ग्राम सहोड़ा स्थित शाखा की चौखट पर दम तोड़ दिया। वह बैंक से अपने खाते से रुपये लेने पहुंचा था, ताकि अपना इलाज करा सके। बैंक कर्मियों ने किसान की दयनीय हालात को नजरअंदाज किया और परिजनों को कागजी पेचदगियों में ऐसा उलझाया कि इलाज से पहले ही उसे मौत आ गई।
थाना शाही के ग्राम औरंगाबाद निवासी किसान रामलाल (60) के पेट में शनिवार सुबह तेज दर्द हुआ। इस पर उनका पुत्र मनोज व पत्नी रूपाकली इलाज के लिए तांगे में लादकर सहोड़ा में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा पहुंचे। सुबह 10 बजे जब बैंक खुला तो परिजनों ने तीन हजार रुपये का निकासी फॉर्म भरकर रामलाल का अंगूठा लगवाकर शाखा में दिया। जब शाखा में मिलान हुआ तो वहां रामलाल के अंगूठे के निशान की जगह हस्ताक्षर थे। शाखा प्रबंधक ने उनका फॉर्म वापस कर दिया और हस्ताक्षर कराने की बात कही।
तेज दर्द के चलते रामलाल हस्ताक्षर करने में सक्षम नहीं थे और तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। उनकी हालत देख परिजन बैंक प्रबंधक व स्टाफ के आगे गिड़गिड़ाने लगे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद शाखा प्रबंधक ने शर्त रखी कि गांव के दो गारंटर ले आओ, तभी रुपये निकालना संभव होगा। करीब एक घंटे तक परिजनों का अनुरोध और बैंक स्टाफ की बात चलती रही। इसी बीच रामलाल ने बैंक शाखा के गेट पर ही दम तोड़ दिया। राम लाल की पत्नी ने कहा कि शाखा प्रबंधक की लापरवाही से मेरे पति की जान चली गई।
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हालांकि परिजनों ने मामले में अभी कोई तहरीर नहीं दी है। उधर बैंक के एजीएम घनश्याम सिंह का कहना है कि बैंक के फुटेज निकलवाए गए हैं। मैनेजर को बुलाया गया है। सारे तथ्य जानने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
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