Move to Jagran APP

बाजार में बिक रही नकली दवाएं, कैसे ठीक हो बुखार Bareilly News

दवाओं के बावजूद बीमारी ठीक नहीं होने के पीछे जो वजह आ रही वह चौकाने वाली है। आशंका जताई जा रही कि बाजार में बड़े पैमाने पर नकली दवाएं उतार दी गईं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 06:14 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 06:14 PM (IST)
बाजार में बिक रही नकली दवाएं, कैसे ठीक हो बुखार Bareilly News
बाजार में बिक रही नकली दवाएं, कैसे ठीक हो बुखार Bareilly News

जेएनएन, बरेली : जुलाई से सितंबर तक बीमारी का मौसम। किसी को बुखार तो किसी को खांसी। दवाओं के बावजूद बीमारी ठीक नहीं होने के पीछे जो वजह आ रही वह चौकाने वाली है। आशंका जताई जा रही कि बाजार में बड़े पैमाने पर नकली दवाएं उतार दी गईं। यह बात शुक्रवार को एक करोड़ की दवाएं बरामद होने के बाद साबित होती दिख रही। ड्रग विभाग के अफसर मान रहे कि ये दवाएं नकली हैं। ऐसा कुछ और जगह भी हो सकता है। ऐसे में जाहिर सी बात है दवाएं खाने के बावजूद बुखार बाकी रहेगा और खांसी बराकरार।

loksabha election banner

मिली थीं 285 तरह की दवाएं

शुक्रवार दोपहर को कर्मचारी नगर में बसंत विहार कॉलोनी की अर्शना रेजीडेंजी में दवाओं का इतना बड़ा जखीरा था कि जांच रात दो बजे तक चली। उसमें कई कंपनियों की स्टीकर लगी 285 तरह की दवाएं थीं। इनमें एंटीबॉयोटिक, कफ, बुखार, एलर्जी सहित तमाम जरूरी दवाओं के फिजिशियन सैंपल शामिल थे। विभाग ने जांच के लिए सैंपल लखनऊ भेज दिए। आरोपित इशांक मिश्र को भी पुलिस ने जेल भेज दिया।
दिल्ली, उत्तराखंड से लाता है दवाएं: टीम को दवाओं की खरीद-बिक्री, कंपनियों के ऑर्डर आदि कुछ भी रिकार्ड वहां नहीं था। इशांक से पूछताछ में सिर्फ इतना पता चला कि वह दिल्ली व उत्तराखंड से दवाएं लाता था। तीन साल से दवा का काम कर रहा है।

बिन बिल के चक्कर में हो रहा खेल 

नियमानुसार कोई थी थोक कारोबारी फुटकर रजिस्टर्ड फर्म को ही दवाओं की बिक्री कर सकता है। यह खरीद-फरोख्त पक्के बिलों पर होनी चाहिए, जिस पर टैक्स भी बनता है। इसके बाद दवाएं मेडिकल स्टोर से फुटकर बिक्री होनी चाहिए। मगर, पिछले करीब एक साल से ऐसा नहीं हो रहा है। दवा के कुछ थोक कारोबारी सीधे मरीजों को दवाएं बेच रहे हैं।

बिना बिल के सीधे खरीद रहे दवाए 

मरीज या उनके तीमारदार सीधे थोक व्यापारियों से बिना बिल के दवाएं खरीद रहे हैं। यह सब बिना बिलिंग के होता है। इसी का फायदा उठाकर नकली दवाएं भी खपा दी जाती हैं। सस्ते के फेर में ग्राहक न बिल देखते और न ही उसकी सत्यता। इसी वजह से दवा पर कंपनी का स्टीकर तो दिखता है मगर, उसका प्रभावी साल्ट नहीं होता। और मरीज पर कम असर होता है।

खप रही सेंपल के नाम पर नकली दवा 

ड्रग विभाग ने शुक्रवार को बसंत विहार की अर्शना कालोनी में छापा मारकर एक करोड़ से अधिक की दवा का जखीरा पकड़ा था। कहा गया कि उसमें सैंपल की दवाएं हैं। संभावना है कि यह दवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों व झोलाछापों तक पहुंचाई जाती है। सैंपल की कुछ दवाओं के बीच नकली दवाएं लगाकर कम दाम पर बिक्री की जा रहीं।

दवा कंपनियों ने बीस फीसद तक घटाएं सेंपल

सैंपल की दवाओं का इतना भंडार होना इसलिए भी अधिकारियों के गले नहीं उतर रहा, क्योंकि कंपनियों ने तो सैंपल की दवाएं बनानी ही कम कर दीं। दवा कंपनी के प्रतिनिधि विभोर के मुताबिक कंपनियों ने सैंपल की सप्लाई बीस फीसद कम कर दी है। इस आधार पर सेंपल की दवाओं का जखीरा मिलना संदेहास्पद है।

दो महीने पहले कसे गए थे व्यापारियों के पेच

थोक बाजार से मरीजों को सीधे बिना बिल पर दवाएं बेचे जाने की सूचना लखनऊ तक पहुंची थी। इस पर करीब दो महीने पहले ड्रग विभाग की टीम थोक बाजार में पहुंची थी। लोगों को सीधे दवा बेचने वाले कारोबारियों को हड़काकर टीम लौट गई।

फैंसीडिल सीरप बेचने पर हुई थी बड़ी कार्रवाई

शहर के दवा बाजार में करीब छह महीने पहले खांसी का फैंसीडिल सीरप बेचने पर कड़ी कार्रवाई हुई थी। दिल्ली से नारकोटिक्स विभाग की टीम ने दवा बाजार पर छापा मारा था। इसके बाद दो कारोबारियों को उठाकर ले गई थी। उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेजा गया। फिर एक बार नकली दवाओं का बड़ा जखीरा मिलने पर यह कारोबार निशाने पर आ गया है।

देर रात तक जांच के बाद कई बड़ी कंपनियों की दवाएं मिली हैं। सभी दवाएं फिजिशियन सेंपल हैं, जिससे उनके नकली होने की संभावना है। जांच में नकली दवा पाए जाने पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धाराएं भी बढ़ाई जाएंगी।-विवेक कुमार सिंह, ड्रग इंस्पेक्टर 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.