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धर्म में श्रद्धा और दिल में सौहार्द, डाक कांवड़ के साथ हर‍िद्वार जा रहे अरबाब Bareilly News

जत्थे में 49 हिंदू हैं और एक मुस्लिम। मुहल्ला हाकिम टोला के अरबाब हुसैन उर्फ पप्पू कांवड़ भले न उठाते हों मगर पूरे आयोजन में उनकी अहम भूमिका रहती है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 12:45 PM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 09:42 PM (IST)
धर्म में श्रद्धा और दिल में सौहार्द, डाक कांवड़ के साथ हर‍िद्वार जा रहे अरबाब Bareilly News
धर्म में श्रद्धा और दिल में सौहार्द, डाक कांवड़ के साथ हर‍िद्वार जा रहे अरबाब Bareilly News

बरेली [फिजा अब्बास जैदी] : मिली-जुली आबादी वाले क्षेत्रों में विवाद की खबरें तो अक्सर सुनी होंगी मगर यह खबर सुकून देने वाली है। हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देने वाली है...नजीर वाली है। इस अच्छी खबर की पृष्ठभूमि में हैं अरबाब हुसैन। जोकि मुस्लिम बहुल सेंथल में रहते हैं। वहां के कांवड़ियों के हमराही हैं। तीन साल हो गए, सावन में हर बार सारा कामकाज छोड़कर कांवड़ियों के साथ हरिद्वार जाते हैं। गंगा स्नान करते हैं।

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वापसी में डाक कांवड़ के साथ पूरे रास्ते रहते हैं। रास्ते भर हो भी इंतजाम होने हैं, वे सब उन्हीं के जिम्मे होते हैं।

शिव शक्ति कांवड़िया संघ के बैनर तले पिछले तीन सालों से कस्बा से डाक कांवड़ हरिद्वार जाती है। डाक कांवड़ यानी वह कांवड़ जोकि रास्ते में कहीं रुकती नहीं है। हरिद्वार से कांवड़िये उसे लेकर चलेंगे और जलाभिषेक वाले मंदिर तक पहुंचने से पहले कहीं रुकेंगे नहीं। जत्थे में 49 हिंदू हैं और एक मुस्लिम। मुहल्ला हाकिम टोला के अरबाब हुसैन उर्फ पप्पू कांवड़ भले न उठाते हों मगर, पूरे आयोजन में उनकी अहम भूमिका रहती है। प्रबंधन से जुड़ी जिम्मेदारी वह उठाते हैं। पप्पू कहते हैं कि यह उनकी अपनी आस्था है। हमें सभी धर्मो के त्योहार मिलजुलकर मनाने चाहिए।

12 अगस्त को लौटा था जत्था 

कांवड़ियों का जत्था हरिद्वार गया था। दस अगस्त को सभी ने गंगा में स्नान किया। अन्य कांवड़ियों के साथ अरबाब ने भी डुबकी लगाई। सभी कांवड़िये जल लेकर निकले तो अरबाज साथ हो लिए। रास्ते में कौन सा वाहन किधर चलेगा, कौन कब कांवड़ उठाएगा और खान-पान या फलाहार की क्या व्यवस्था होगी, यह सारे इंतजाम करने में अरबाब की भूमिका अहम होती है। 12 अगस्त को यह जत्था वापस लौटा। कस्बा स्थित मंदिर में जलाभिषेक किया।


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