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घर लौटा आसाराम प्रकरण के गवाह का पुत्र

आसाराम प्रकरण के गवाह रामशकर विश्वकर्मा का पुत्र धीरज आधी रात के बाद घर लौट आया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 11:38 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 12:26 PM (IST)
घर लौटा आसाराम प्रकरण के गवाह का पुत्र
घर लौटा आसाराम प्रकरण के गवाह का पुत्र

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। आसाराम प्रकरण के गवाह रामशकर विश्वकर्मा का पुत्र धीरज आधी रात बाद घर पहुंच गया। उसका 11 जून की शाम कार सवार दो लोगो ने नशा सुंघाकर अपहरण कर लिया था। मेरठ के गाधी पार्क में उसे अपहर्ता छोड़ गए। होश आने पर एक वृद्ध ने धीरज को मेरठ रेलवे स्टेशन पहुंचाया और वहा जीआरपी के हवाले कर दिया। धीरज के अनुसार, जीआरपी ने उसे राज्यरानी ट्रेन में बैठा दिया लेकिन यह ट्रेन गाजियाबाद तथा हापुड़ में काफी देर खड़ी रही। रात 12.30 बजे के करीब राजरानी शाहजहापुर पहुंची। यहा धीरज के पड़ोस के ही एक व्यक्ति ने पहचान लिया और रात एक बजे के करीब घर जाकर छोड़ दिया। नीले रंग की कार में सवार थे अपहर्ता

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नीरज 11 जून की शाम मिक्सी को उठाने के लिए निगोही रोड जा रहा था। इसी बीच ट्रासफार्मर के पास दो लोगों ने आकर पीछे से दबोच लिया और मुंह पर रुमाल लगा कर नीली कार में सीट के नीचे डाल लिया। रुमाल लगाने से उसकी आखों में खुजली हुई और बेहोश हो गया इसके बाद जब आख खुली तब वहा मेरठ के गाधी पार्क में था। धीरज ने बताया कि एक वृद्ध व्यक्ति जिनके हाथ में कमंडल था उन्होंने आकर हिम्मत बधाई, और पैसे भी दिए। रेलवे स्टेशन पर खाना खिलाने के बाद उन्होंने जीआरपी के हवाले कर दिया और जीआरपी ने हमें शाहजहापुर भेज दिया। बता दें कि आसाराम प्रकरण के गवाह का पुत्र लापता मुहल्ला गदियाना निवासी रामशकर विश्वकर्मा के बेटे धीरज विश्वकर्मा का 11 जून को जन्म दिन था। शाम सात बजे के करीब उनका बेटा अचानक गायब हो गया था। रिश्तेदारों व मित्रों के यहा खोजने के बाद जब धीरज का कुछ पता नहीं चला तो रामशकर ने मंगलवार को दोपहर थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी। रामशकर ने पुलिस को बताया था कि आसाराम दुष्कर्म प्रकरण के गवाह कृपाल सिंह की हत्या मामले में वह मुख्य गवाह है। आसाराम को सजा से पूर्व जेल में बंद नारायण पाडेय की मा उनके घर आई थी और गवाही से मना किया था। उन्होंने कोड वर्ड में यह भी कहा था कि दो इंडोज हो चुके बाकी तुम समझो..। लेकिन तब गवाही का सम्मन नहीं मिला था, इसलिए उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। 25 अप्रैल को आसाराम को सजा हो गई। इससे गवाही की हिम्मत बढ़ी। सात जून को गवाही देने कोर्ट गया, लेकिन गवाही पूरी नहीं सकी। शेष गवाही के लिए 28 जून की तिथि नियत कर दी गई। लेकिन जिसका डर था वही हुआ। जन्मदिन पर उनका बेटा धीरज रहस्यमय ढंग से गायब हो गया। रामशकर लाल विश्वकर्मा ने आसाराम के गुगरें पर संदेह जताते हुए पुलिस से मदद की गुहार की। सदर बाजार पुलिस ने तहरीर मिलने के बाद जाच शुरू कर दी है।


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