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देशी शराब के मामले में बरेली के आबकारी अधिकारियों के उड़े होश, एसआइटी जांच में निकला आबकारी विभाग में 35 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला

सहारनपुर की टपरी डिस्टलरी से कानपुर भेजी गई एक ट्रक देशी शराब बरेली में पकड़े जाने की जांच एसआइटी के पाले में आने के बाद गहमागहमी बढ़ गई है। शराब कारोबारी मनोज जायसवाल के साथ-साथ आबकारी महकमे से जुड़े लोगों पर भी एसआइटी जांच का शिकंजा कस सकता है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 05:46 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 05:46 PM (IST)
देशी शराब के मामले में बरेली के आबकारी अधिकारियों के उड़े होश, एसआइटी जांच में निकला आबकारी विभाग में 35 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला
देशी शराब के मामले में बरेली के आबकारी अधिकारियों के उड़े होश

बरेली, जेएनएन। सहारनपुर की टपरी डिस्टलरी से कानपुर भेजी गई एक ट्रक देशी शराब बरेली में पकड़े जाने की जांच एसआइटी के पाले में आने के बाद गहमागहमी बढ़ गई है। शराब कारोबारी मनोज जायसवाल पर शिकंजे के साथ-साथ आबकारी महकमे से जुड़े लोगों पर भी एसआइटी जांच का शिकंजा कस सकता है। सहारनपुर से शुरू हुई कार्रवाई कानपुर, उन्नाव, बदायूं और संभल तक पहुंची थी जिसमें आबकारी महकमें से जुड़े जिम्मेदारों की संलिप्तता सामने आने पर उन्हें निलंबित भी किया गया, यहीं नहीं सहारनपुर के तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त जगराम पाल और निरीक्षक अरविंद को मुल्जिम भी बनाया गया। अब बरेली में पकड़ी गई शराब की जांच भी एसआइटी के पाले में है। लिहाजा, कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है।

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एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह के नेतृत्व में बीते तीन मार्च को टीम ने सहारनपुर की टपरी डिस्टलरी में आबकारी विभाग के अधिकारियों व लोकल आबकारी डिस्ट्रीब्यूटर्स की मिलीभगत से होने वाली करोड़ों की टैक्स व एक्साइज ड्यूटी की चोरी पकड़ी थी। इस कार्रवाई के बाद टैक्स व एक्साइज ड्यूटी चोरी के तार कानपुर, उन्नाव, बदायूं और संभल तक पाए गए। एसटीएफ की कार्रवाई के बाद हुई जांच में उक्त जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता मिली।

इस पर सहारनपुर मंडल के उप आबकारी आयुक्त राकेश कुमार चतुर्वेदी, सहायक आबकारी आयुक्त जगराम पाल, आबकारी निरीक्षक अरविंद कुमार वर्मा, उन्नाव के आबकारी निरीक्षक रविंद्र किशोर, बदायूं के रामजीत, संभल के पवन कुमार शर्मा और कानपुर की ज्योति सिंह को निलंबित कर दिया गया था। एसटीएफ ने इस प्रकरण में सहायक आबकारी आयुक्त जगराम पाल और निरीक्षक अरविंद को मुल्जिम बनाते हुए एफआइआर में नाम भी शामिल किया था। मामले में नौ आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है। ऐसे में जांच की जद अब बरेली तक पहुंचने के बाद विभाग में अफरा-तफरी मची हुई है। 


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