अधूरे सही जवाब होने पर परीक्षार्थियों को मिलेंगे अंक Bareilly News
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन 16 मार्च से शुरू हो रहा। शासन ने परीक्षकों को स्टेप मार्किंग करने के निर्देश दिए हैं।
बरेली, जेएनएन : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन 16 मार्च से शुरू हो रहा। शासन ने परीक्षकों को स्टेप मार्किंग करने के निर्देश दिए हैं। स्टेप मार्किग, यानि किसी परीक्षार्थी ने किसी प्रश्न का आधा उत्तर लिखा है और वो सही है तो उसे पूरे अंक दे दिए जाएंगे। हाईस्कूल में विज्ञान व सामाजिक विज्ञान की कॉपियों का पैनल मूल्यांकन किया जाएगा।
शहर में पांच केंद्रों राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, एफआर इस्लामिया इंटर कॉलेज, एसबी इंटर कॉलेज और विष्णु इंटर कॉलेज में मूल्यांकन होगा। दूसरे शहरों से भी शहर के संकलन केंद्र तक कॉपिया पहुंच चुकी हैं। गड़बड़ी रोकने के लिए पांचों मूल्यांकन केंद्रों पर सीसीटीवी, वॉयस रिकार्डर, राउटर और ब्रॉडबैंड हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में बने कंट्रोल रूम से मूल्यांकन केंद्रों की निगरानी होगी, जो सीधे लखनऊ स्थित प्रांतीय मुख्यालय से जुड़ा हैं। मूल्यांकन के लिए बोर्ड ने गाइडलाइन भेज दी है। इसके अनुसार कॉपियों में सही उत्तर कटा मिलने पर भी पूरे नंबर दिए जाएंगे।
सही उत्तर कटा मिला तो भी मूल्यांकन : कभी-कभी यह देखा गया है, अन्य साथी के बहकावे में आकर परीक्षार्थी सही उत्तर को काट देता है। यही नहीं, परीक्षार्थी के हल को जानबूझकर परीक्षा केंद्र पर किसी के द्वारा काटने के मामले उजागर हो चुके हैं। मूल्यांकन में ध्यान रखा जाएगा कि अगर काटा गया उत्तर शुद्ध और निर्धारित सीमा के अंदर होगा तो उसका भी मूल्यांकन होगा।
परीक्षकों इस नियम का कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी गई है। सामाजिक विज्ञान के प्रथम खंड को इतिहास व राजनीति शास्त्र के साथ स्नातक प्रशिक्षित और द्वितीय खंड अर्थशास्त्र व भूगोल के साथ स्नातक प्रशिक्षित योग्यताधारी परीक्षक मूल्यांकन करेंगे। इसी तहर विज्ञान विषय की कॉपी के प्रथम व द्वितीय खंड को भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान के साथ बीएससी प्रशिक्षित स्नातक जबकि तृतीय खंड को जीव विज्ञान के साथ बीएससी प्रशिक्षित स्नातक जांचेंगे।
स्टेप मार्किग में अधूरे जवाब और कटे हुए जवाबों का भी मूल्यांकन होगा। इसके लिए गाइडलाइन जारी हो चुकी है। - डॉ.अमरकांत सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक