परीक्षा फार्म भी भरा जाता, बीए के छात्र नहीं जानते
बीए द्वितीय वर्ष के छात्र अगर ये भी न जानते हों कि इम्तिहान देने के लिए परीक्षा फार्म भी भरा जाता है।
जेएनएन, बरेली : बीए द्वितीय वर्ष के छात्र अगर ये भी न जानते हों कि इम्तिहान देने के लिए परीक्षा फॉर्म भी भरा जाता है। तब उच्च शिक्षा में गुणवत्ता की बहस पीछे छूट जाती है और कॉलेजों में पढ़ाई के स्तर का अंदाजा लगा सकते हैं। गत दिनों बरेली कॉलेज के प्राचार्य के पास पांच छात्र पहुंचे थे। गुहार लगाने कि परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए, अनुमति दिला दीजिए। प्राचार्य ने फटकारा। पूछने पर एक छात्र बोला कि मुझे नहीं पता था कि परीक्षा फॉर्म भरना पड़ता है। यह सुनकर प्राचार्य का पारा चढ़ गया। बाद में नसीहत के साथ फॉर्म भरने की अनुमति दे दी। ऐसे छात्र केवल बरेली कॉलेज में ही नहीं, अन्य कॉलेजों में भी हैं। जोकि एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय पहुंचे।
मां-बाप चुका रहे लापरवाही का खामियाजा
बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा फीस करीब 1200 और फाइनल की 1750 के आसपास है। जो छात्र परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए, अब उन पर 4000 रुपये लेट फीस का जुर्माना रखा गया है। शनिवार को करीब 25 से अधिक छात्रों ने ये जुर्माना राशि अदा कर फॉर्म भरा है। विवि प्रशासन का मानना है कि जुर्माना देने वाले छात्रों की संख्या एक हजार से अधिक हो चुकी है। जाहिर है कि छात्रों की लापरवाही का खामियाजा जुर्माने के रूप में उनके अभिभावक भुगत रहे हैं।
सोमवार से परीक्षा, नहीं भरा फॉर्म
बीए, बीएससी, बीकॉम की मुख्य परीक्षा सोमवार से शुरू हो रही है। प्रवेश पत्र अपलोड हो गए। शनिवार को विवि पहुंचे कई छात्रों ने बताया कि परीक्षा फॉर्म भरे जा रहे हैं, हमें इसकी सूचना नहीं मिल सकी। वहीं, गत वर्ष 23 नवंबर को विवि ने परीक्षा फॉर्म के लिए वेबसाइट खोली थी। इसमें कई तो ऐसे हैं, जिन्होंने फॉर्म भरने के बाद कॉलेजों में हार्ड कॉपी नहीं जमा की। अब वो भी चार हजार का जुर्माना चुका रहे हैं।
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छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने का पर्याप्त मौका दिया गया। फिर भी संस्थागत-प्राइवेट दोनों वर्गो के छात्रों की लापरवाही सामने आई। ऐसे छात्र सिस्टम का पालन करे, इसी कारण लेट फीस रखी गई है।
- संजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक रुविवि