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जरा याद करो कुर्बानी : शहादत के 91 साल बाद भी काकोरी कांड के नायकों की विरासत बदहाल

काकोरी कांड के नायक रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां की विरासत को विसरा दिया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 01:53 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 01:53 PM (IST)
जरा याद करो कुर्बानी : शहादत के 91 साल बाद भी काकोरी कांड के नायकों की विरासत बदहाल
जरा याद करो कुर्बानी : शहादत के 91 साल बाद भी काकोरी कांड के नायकों की विरासत बदहाल

शाहजहांपुर(जेएनएन)। वतन को गुलामी की जंजीरों से निकालने के लिए मुस्कुराकर प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की वीर गाथा नेता, मंत्री और अफसरों को खूब भाती है। काकोरी कांड के नायक रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां पर लंबे भाषण और प्रेरणा के वाक्य पढ़ते हैं। मगर अफसोस, इन्हीं वीरों की विरासत को विसरा दिया।

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फोटो कैप्शन : शहीद अशफाक उल्ला खां की मजार की टूटी पड़ी चाहरदीवारी

अशफाक के पिता लगवाते थे मेला, अब रस्म अदायगी

शहीद अशफाक उल्ला खां की कुर्बानी पर उनके पिता को नाज था। 40 वर्ष पूर्व तक खुद की सामर्थ्य से वीर अशफाक की मजार पर मेला लगवाते रहे। अब बलिदान दिवस प्रशासन और संगठनों के लिए रस्म अदायगी भर रह गया। नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने जीर्णोद्धार के लिए 65 लाख दिलाने की घोषणा की थी। मजार साल भर से बजट की बाट जोह रही है।

जर्जर हाल है बिस्मिल का घर

शहीद रामप्रसाद बिस्मिल का घर खिरनी बाग की तंग गली में है। ईंट, गारा और धन्नी से बने मकान में उनकी शहादत के बाद काफी समय तक बहन रहती रहीं। उन्होंने विद्याराम चूड़ी वाले को घर बेचा था। विद्याराम से एक सिख परिवार ने घर ले लिया। इस परिवार ने कलेक्ट्रेट में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहे नारायण लाल मकान बेचा। नारायण लाल की मृत्यु के बाद से अब उनके बेटे रामकुमार, शिव कुमार, राजाराम और अरविंद के परिवार काबिज हैं। इस घर को संग्रहालय बनवाने के लिए काफी समय से मांग है।

फोटो कैप्शन : शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के आवास की ओर जाने वाली खस्ताहाल सड़क 

मंत्री एक तो भवन स्वामी चार करोड़ में अड़े

रामकुमार की पत्नी सावित्री देवी का कहना है कि नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना एक करोड़ में रामप्रसाद बिस्मिल का घर देने को कह रहे थे। मंत्री को बताया था कि उनके पति चार भाई हैं, किसी के पास छत नहीं है। मकान शहर के बीचोंबीच में है। इसलिए चार करोड़ रुपये मांग रखी थी। सरकार इस राशि पर तैयार हो या शहर में कहीं हर सदस्य को सौ-सौ गज का घर व रोजी-रोटी का प्रबंध कर दे तो घर छोडऩे को तैयार हैं।

नोएडा, देवरिया, मुरैना में स्मारक, यहां सिर्फ पार्क

शहीद बिस्मिल इस शहर की अंतरराष्ट्रीय पहचान हैं। फिर भी जिले में उनका स्मारक तक नहीं है। केवल एक पार्क है, जबकि ग्रेटर नोएडा, देवरिया से लेकर मध्य प्रदेश के मुरैना तक में स्मारक हैं।

राम प्रसाद बिस्मिल

  • जन्म : 11 जून 1897
  • शहीद : 19 दिसंबर 1927 गोरखपुर जेल
  • पिता : मुरलीधर
  • माता : मूलमती
  • भाई : रमेश सिंह
  • बहन : शास्त्री देवी, ब्रह्मादेवी, भगवती देवी
  • निवास स्थल : खिरनी बाग शाहजहांपुर

विशेष : 30 वर्ष की आयु में शहीद। उच्च कोटि के कवि व साहित्यकार, 11 पुस्तकें प्रकाशित। काकोरी कांड के मुख्य नायक। हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य।  


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