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वित्त मंत्री के प्रोजेक्ट पर कुंडली मारकर बैठे हैं इंजीनियर

शहर के विकास के लिए वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के अहम प्रोजेक्ट चौपुला चौराहे पर ओवरब्रिज का निर्माण लटक गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 12:17 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 12:17 AM (IST)
वित्त मंत्री के प्रोजेक्ट पर कुंडली मारकर बैठे हैं इंजीनियर
वित्त मंत्री के प्रोजेक्ट पर कुंडली मारकर बैठे हैं इंजीनियर

जेएनएन, बरेली : शहर के विकास के लिए वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के अहम प्रोजेक्ट चौपुला चौराहे पर ओवरब्रिज का निर्माण सेतु निगम के इंजीनियरों की ढील के कारण लटक गया है। हैवी ट्रैफिक व अल्प अनुभव के कारण अधिकारी निर्माण शुरू कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

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प्राइवेट फर्म से निर्माण कराने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में अब पुल का निर्माण चुनाव के बाद ही होने की आशंका बढ़ गई है। पिछले चार महीने से रखी रकम अब अगले करीब तीन महीने और पड़ी रहने के आसार दिखाई दे रहे हैं।

चार महीने पहले मिल चुके हैं आठ करोड़

चौपुला चौराहे पर थ्री लेन के नए ओवरब्रिज निर्माण को शासन ने अक्टूबर 2018 में 66 करोड़ रुपये मंजूर कर आठ करोड़ की पहली किश्त जारी कर दी थी। पुल पुलिस लाइंस के गेट से शुरू होकर सिटी सब्जी मंडी से पहले उतरेगा।

ओवरब्रिज के बीच से अयूब खां चौराहे की ओर करीब 280 मीटर का छोटा टू लेन पुल बनेगा। वही, पुलिस लाइंस की ओर से आने वाले वाहनों को बदायूं मोड़ने को थ्री लेन ओवरब्रिज के बीच से 84 मीटर का टू लेन पुल बनेगा।

पाइल टेस्टिंग व ट्रैफिक सर्वे हुआ

सेतु निगम ने ओवरब्रिज के निर्माण के लिए पहले पटेल चौक रोड के किनारे और अब मौजूदा पुल के नीचे साइट ऑफिस बनाया है। इसके साथ ही पटेल चौक की ओर जमीन के नीचे बनने वाली तीन पाइलों की टेस्टिंग भी कर ली है। इसके साथ ही बीते दिनों रोड पर निकलने वाले ट्रैफिक का सर्वे भी किया है। हालांकि, अब तक रिपोर्ट नहीं आई है।

डरा रहा बेहिसाब ट्रैफिक

सूत्रों की माने तो चौपुला चौराहे से निकलने वाला बेहिसाब ट्रैफिक अधिकारियों को डरा रहा है। दरअसल, चौपुला चौराहे पर पांच सड़कों का ट्रैफिक निकलता है। सबसे अधिक भारी वाहनों की संख्या रहती है। लालफाटक पुल के निर्माण के चलते बदायूं से आने वाला ट्रैफिक भी चौपुला पुल पर ही आ रहा है। इससे पुल के निर्माण में कठिनाई होने की आशंका अफसरों को डरा रही है।

अनुभव की कमी रोक रहे कदम

श्यामगंज ओवरब्रिज का निर्माण 2017 के शुरू में हो गया था। उस पुल का निर्माण तत्कालीन डीपीएम (डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर) एसके गर्ग ने एक साल में करवा दिया। सूत्रों के अनुसार यूनिट एक के डीपीएम विजेंद्र मौर्या ने उस वक्त डीपीएम के साथ सहायक अभियंता के रूप में कार्य किया था। 2017 के आखिर में उनका प्रमोशन हो गया। डीपीएम के तौर पर करीब डेढ़ साल के अल्प अनुभव के चलते वह बड़े काम की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

श्यामगंज रोड से बहुत अधिक है भूमि

सेतु निगम के अधिकारियों ने इच्छाशक्ति के बल पर ही श्यामगंज पुल का निर्माण एक साल में पूरा कर दिया। बेहद संकरा रोड होने के बावजूद आसानी से पुल बना। वहां कई स्थानों पर नौ मीटर तक ही चौड़ाई थी। इधर, चौपुला चौराहे पर पुल निर्माण को 11.5 मीटर चौड़ाई चाहिए, जबकि मौके पर 32 मीटर करीब है। मौजूदा पुल के पास ही सिर्फ 18 से 20 मीटर तक चौड़ाई है।

आचार संहिता में लटक जाएगा काम

सेतु निगम ने खुद कार्यदायी संस्था होने के बावजूद करीब 26 करोड़ रुपये से पुल निर्माण का कार्य अन्य फर्म से कराने की तैयारी की है। पुल का निर्माण कार्य प्राइवेट फर्म करेगी और सेतु निगम सीमेट, स्टील, स्पेशल स्टील आदि सामान उसे मुहैया कराएगा। अब तक ऑनलाइन टेंडर अपलोड नहीं हुए हैं। जल्द ही आचार संहिता लगने को है। इस कारण निर्माण कार्य चुनाव बाद होने की संभावना है।

वर्जन

- बाहरी संस्था से पुल का निर्माण कराया जाएगा। यह काम करीब 26 करोड़ का होगा। उन्हें निर्माण सामग्री सेतु निगम देगा। हफ्ते भर में ऑनलाइन टेंडर अपलोड हो जाएंगे।

देवेंद्र सिंह, सीपीएम - सेतु निगम के पास कई बार संसाधनों की कमी होती है, तब बाहरी फर्म से कार्य कराए जाते हैं। अधिकारियों ने क्या तय किया है पता नहीं है।

विजेंद्र मौर्या, डीपीएम


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