बरेली मुठभेड़ : विलेन का पता चलते ही लिख गई एनकाउंटर की स्क्रिप्ट
दो जनवरी, सर्राफ के घर से ढाई लाख की लूट।
जेएनएन, बरेली : दो जनवरी, सर्राफ के घर से ढाई लाख की लूट। सात जनवरी, सरेराह सर्राफ के नौकर से पंद्रह लाख की लूट। एक सप्ताह के अंदर दूसरी बड़ी घटना से पुलिसिंग पर सवाल उठने लगे। आला अफसरों का माथा भी ठनका कि बदमाश अब बेकाबू हो गए। सबक सिखाना जरूरी था, इसलिए सोमवार को सुबह हुई लूट की जानकारी होते ही पुलिस ने पूरी ताकत लगा दी। इस बार बदमाश हाथ से निकलने नहीं चाहिए... मैसेज हुआ और वर्दी का वजूद बरकरार रखने, अपराधियों में खौफ कायम रखने के लिए बड़े कदम की तैयारी हो गई।बदमाशों की धरपकड़ के लिए टीमें दौड़ने लगीं।
तीन घंटे में ही मिल गया क्लू
वारदात के तीन घंटे के अंदर ही पुलिस को अहम सुराग मिल गए। रेकी में कौन शामिल था और वारदात किसने की, जैसे ही इसका सिरा मिला तय हो गया कि बदमाश हर हाल में चाहिए... जिंदा या मुर्दा। सुबह नौ बजे जो सुराग मिले, उन्होंने ही पुलिस को अहलादपुर तक पहुंचा दिया। बदमाशों की बाइक के पीछे, जोकि शाहजहांपुर भागने के लिए बाइक दौड़ाए जा रहे थे। घेराबंदी हुई और पुलिस ने जो स्क्रिप्ट लिखी, उस पर काम हो गया।
सफेद अपाचे व टेढ़ी नंबर प्लेट से बदमाशों तक पहुंचे
वारदात के बाद ऑटो चालक ने बताया था कि बदमाश सफेद अपाचे व लाल शाइन बाइक पर थे। एक बाइक में आखिर में 1309 लिखा है। इंस्पेक्टर कोतवाली गीतेश कपिल, सीओ सिटी कुलदीप दीपक, सीओ थर्ड अशोक मीणा की टीमें इन बाइकों की तलाशी में थीं। अहलादपुर रोड पर ऐसी बाइक होने की सूचना पर वे पहुंचे, मुठभेड़ हो गई। सीओ सिटी कुलदीप कुमार व सीओ थर्ड अशोक मीणा पर भी गोली चलाई गई मगर वे बुलटप्रूफ जैकेट पहने थे लिहाजा जान बच गई।