काम होते रहेंगे, पहले बताओ महापौर कौन
बरेली : निकाय चुनाव में भले ही कई विभागों के अधिकारी और कर्मचारी दूसरे जिलों के रहने वाले हों
बरेली : निकाय चुनाव में भले ही कई विभागों के अधिकारी और कर्मचारी दूसरे जिलों के रहने वाले हों, लेकिन चुनावी स्वाद सबको आ रहा है। किसी को कड़वा तो किसी को मीठा। कड़वा स्वाद उनके लिए है जिन सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लगी है। वहीं, चुनाव मीठा उन्हें लग रहा है जो चुनावी माहौल में किसी तरह के निरीक्षण और ज्यादा काम से मुक्ति पा चुके हैं। कुछ विभाग तो ऐसे हैं जहां अधिकारी और कर्मचारी के पास कोई अपने काम के लिए पहुंचता है तो पहला सवाल यही पूछा जाता है कि महापौर किस पार्टी का बन रहा है। अब अधिकारी के मन मुताबिक जवाब मिल जाता है तो फाइल में तेजी होती है और अगर सुर में सुर नहीं मिला तो खामियां तो हर फाइल में बहुत सी हैं।
नेताजी को पसंद नहीं चेहरा
प्रदेश में राज कर चुकी पार्टी के बड़े नेताजी काफी दिनों से संगठन में बदलाव की कोशिश में लगे हैं। इसके लिए पार्टी मुखिया से तमाम मुलाकात भी की लेकिन सफलता नहीं मिली। अब नेताजी को संगठन पदाधिकारी का चेहरा भी पसंद नहीं। एक कार्यक्रम के दौरान नेताजी को पदाधिकारी बर्दाश्त नहीं हुए। उन्होंने पदाधिकारी के समर्थकों पर निशाना साधा। इससे पदाधिकारी का भी मूड बिगड़ गया। वह बीच में ही उठ गए। इसके बाद से पार्टी में बड़े नेता के मिजाज की हर कहीं चर्चा है।