अल्लाह, ईद के साथ कोरोना को रुखसत कर दे..
कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के बीच अपनी तरह की यह पहली ईद मनाई गई। भीड़ से भरी रहने वाली मस्जिदों से लेकर सड़कों पर चहल-पहल के बजाय सन्नाटा पसरा रहा। ईद की मुबारकबाद गले मिलकर देने के बजाय वाट्सएप पर मैसेज और फोन के जरिए दी गई। नमाज के दौरान अल्लाह से कोरोना वायरस की रुखसती की दुआएं मागी गईं। वहीं सुबह से मस्जिदों में लोगों के नमाज पढ़ने की सूचना पर पुलिस भाग-दौड़ करती रही। आला अफसर भी भ्रमण पर रहे।
जेएनएन, बरेली : कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के बीच अपनी तरह की यह पहली ईद मनाई गई। भीड़ से भरी रहने वाली मस्जिदों से लेकर सड़कों पर चहल-पहल के बजाय सन्नाटा पसरा रहा। ईद की मुबारकबाद गले मिलकर देने के बजाय वाट्सएप पर मैसेज और फोन के जरिए दी गई। नमाज के दौरान अल्लाह से कोरोना वायरस की रुखसती की दुआएं मागी गईं। वहीं, सुबह से मस्जिदों में लोगों के नमाज पढ़ने की सूचना पर पुलिस भाग-दौड़ करती रही। आला अफसर भी भ्रमण पर रहे।
एक महीने के रोजे पूरे होने के बाद सोमवार को ईद का त्योहार मनाया गया। लॉकडाउन की पाबंदी के चलते ज्यादातर लोगों ने सुबह के वक्त घरों पर ही ईद के बजाए चाश्त की नमाज अदा की। मस्जिदों में नमाज के लिए वही लोग पहुंचे जिनके लिए अनुमति थी। दरगाह आला हजरत स्थित रजा मस्जिद में सज्जादानशीन मुफ्ती अहसान रजा कादरी, दरगाह प्रमुख सुब्हान रजा खान सुब्हानी मिया और खानदान के चंद लोगों ने नमाज पढ़ी। काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा कादरी ने दरगाह ताजुश्शरिया परिसर में ईद की नमाज अदा कराई। इसी तरह दरगाह शाह शराफत मिया, दरगाह हजरत शाहदाना वली इत्यादि में भी चंद लोगों ने नमाज पढ़ी।
दरगाह आला हजरत स्थित खानकाह ताजुश्शरिया पर ईद की नमाज सुबह सात बजे काजी-ए-हिदुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा खा कादरी ने चंद लोगों के साथ अदा कराई। इस मौके पर खानदान-ए-आला हजरत के भी कुछ लोग मौजूद रहे। मुफ्ती असजद मियां ने कोरोना वायरस जैसी जानलेवा महामारी के खात्मे की और देश की तरक्की की खुसूसी दुआ की। शहर भर की हर छोटी-बड़ी मस्जिद में अमन ओ अमान के साथ तय वक्त के हिसाब से ईद की नमाज अदा की गई। बाकी लोगों ने दरगाह के फरमान को मानते हुए अपने घरों में नमाज-ए-चाश्त या दो रकअत नफल की नमाज अदा की।
जामा मस्जिद में ईद की नमाज शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने अदा कराई। इस दौरान इंतजामिया कमेटी के डॉ. नफीस इत्यादि भी मौजूद रहे। पुलिस के अफसरों ने भी यहा पहुंच कर जायजा लिया। ईदगाह में नहीं अदा की गई नमाज
जासं, बरेली : आजादी से पहले और बाद तक यह पहला मौका है जब ईदगाह में ईद की नमाज अदा नहीं की गई। हर नमाज के दौरान यहा भारी भीड़ जुटती रही है। सोमवार को ईदगाह के बाहर महज फोर्स ही दिखाई दिया। जहा बाकरगंज में ईदगाह स्थित है वहा के लोगों ने घरों पर ही नमाज अदा की। बरेली ईदगाह कर्बला मैनेजिंग कमेटी के अध्यक्ष खलील अहमद ने बताया कि ईदगाह में नमाज के लिए अनुमति मागी गई थी लेकिन कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर अनुमति नहीं मिली। तब लोगों से पहले ही आह्वान कर दिया गया था कि वे ईदगाह आने के बजाय घरों पर ही नमाज अदा करें।