बरेली का निर्भया कांड : फांसी के खौफ से दुष्कर्मियों की उड़ी नींद और भूख Bareilly News
12 साल की बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद दोनों दोषियों की आंखों से नींद चली गई। फांसी के खौफ में निवाला उनके गले से नीचे नहीं उतरा।
जेएनएन, बरेली : 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद दोनों दोषियों की आंखों से नींद चली गई। फांसी के खौफ में निवाला उनके गले से नीचे नहीं उतरा। वे जिला जेल की बैरक में अपने किए पर पछतावा करते हुए रोते रहे। तो कभी उठकर टहलने लगते। शुक्रवार की पूरी रात ऐसे ही कटी।
29 जनवरी 2016 को जिले के एक गांव में रहने वाली 12 वर्षीय बच्ची से उमाकांत और मुरारीलाल ने दुष्कर्म किया, फिर गला दबाकर हत्या कर दी थी। शुक्रवार को स्पेशल जज पाक्सो कोर्ट सुनील कुमार यादव ने दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। दोनों को शाम को जिला जेल में दोबारा दाखिल कर दिया गया।
दोनो के चेहरों पर दिखा खौफ : जेल से जुड़े लोगों ने बताया कि दोनों के चेहरे पर तनाव था। रात को दोनों दोषी अपनी बैरक में टहलते रहे। इसी बीच मुरारी लाल रोने लगा, उमाकांत उसके पास बैठा और वह भी रोने लगा। दोनों के लिए खाने में दाल-रोटी दी गई मगर नहीं खाई। वे कभी रोते तो कभी टहलने लगते। हालांकि शनिवार सुबह को दोनों कुछ सामान्य दिखे।
जेल में बढ़ाई गई सतर्कता: दोनों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद सतर्कता और बढ़ा दी गई है। मुरारीलाल और उमाकांत की सेल के आसपास लगातार देखरेख रखने के लिए वहां के वार्डन को निर्देशित किया गया है।
खेत में छिपाई थी चादर और सलवार: पकड़े जाने के डर के चलते दोनों ने घटनास्थल से बच्ची की सलवार, चादर आदि उठाई और खेत में ही कहीं छिपा दी थी। इसके बाद दोनों नवाबगंज चले गए थे। दोनों के पकड़े जाने के बाद मुरारीलाल की निशानदेही पर चादर और सलवार बरामद की गई थी।