आस्था की अनूठी पहल : लक्ष्मी-गणेश की पुरानी व खंडित मूर्तियां फेंकें नहीं हमें सौंपें Bareilly News
जब सवाल आस्था का उठा है तो उसका रास्ता भी दैनिक जागरण ने निकाला है। बीएल एग्रो की मदद से इन मूर्तियों के निस्तारण का जिम्मा लिया है।
जेएनएन, बरेली: दीपावली के पर्व पर घरों की सफाई में निकलने वाली खंडित व पुरानी मूर्तियों को फेंकने से पहले कुछ सोचिए। गणेश लक्ष्मी की नई मूर्तियों को तो हम घर के मंदिर में सजा लेते है। लेकिन पुरानी मूर्तियों को हम घर के बाहर सड़क किनारे तो कभी मंदिर की दीवारों से टिका कर छोड़ देते है। ऐसे में ये मूर्तियां राहों से गुजरने वाले राहगीरों के पैरों के पास पड़ी दिखाई देती है। जिनसे एक आेर तो हमारी आस्था प्रभावित होती है आैर दूसरी ओर उन मूर्तियों का अनादर होता भी नजर आता है। जब सवाल आस्था का उठा है तो उसका रास्ता भी दैनिक जागरण ने निकाला है। बीएल एग्रो की मदद से इन मूर्तियों के निस्तारण का जिम्मा लिया है। पीओपी व विभिन्न मेटीरियल से बनी मूर्तियां पर्यावरण-धरा के लिए हानिकारक है। जिन्हे फैक्ट्री में लगी ईटीपी में डालकर निस्तारित कर दिया जाएगा।
आपको भी देनी हैं पुरानी मूर्तियां तो करें फोन
दोपहर तीन बजे से वाहन किला क्षेत्र में होता हुआ जिला पंचायत कार्यालय तक जाएगा। आप भी वहां पहुंचकर अपने घरों से निकली भगवान की पुरानी प्रतिमाएं उस वाहन में बैठी टीम को सौंप सकते हैं। जानकारी के लिए 9837277007 पर फोन कर सकते हैं।
भगवान की प्रतिमाओं को फेंकना धर्म का अपमान है। बेहतर रहेगा मूर्तियों को किसी एक जगह इकट्ठा कर लें। जहां से इन्हें आसानी से उठाया जा सके। - पंडित नंद किशोर, बांके बिहारी मंदिर, बिहारीपुर
मूर्तिदान-पर्यावरण को अभयदान
बिहारीपुर में कई मंदिर हैं। लोग मूर्तियों को एक सुरक्षित जगह पर रख दें। हम वहां से मूर्तियों को उठा लेंगे। सड़क किनारे या चौराहों पर मूर्तियों को न रखें। - ऋतुराज बास, बिहारीपुर
हम मूर्तियों को अलखनाथ व आसपास के स्थानों से एकत्रित कर लेंगे। मूर्तियों को प्लांट में डालकर इसका निस्तारण किया जाएगा। - आदित्य सक्सेना, सेवादार, अलखनाथ मंदिर