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    जनसुनवाई पोर्टल: कम संतुष्टि पर बरेली डीएम अविनाश सिंह की कड़ी चेतावनी, 17 विभागों से मांगा जवाब

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 12:03 PM (IST)

    जिलाधिकारी ने जनसुनवाई पोर्टल पर संतुष्टि फीडबैक की कमी पर 17 विभागों के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने समस्या समाधान में तेजी लाने और कार्यों में सुधार करने के निर्देश दिए। असंतोषजनक स्पष्टीकरण पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

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    डीएम अविनाश सिंह। सोशल मीडिया से ली तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, बरेली। जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के समयबद्ध गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में संतुष्टि फीडबैक 33 से 60 प्रतिशत के बीच रहने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने 17 विभागों के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।

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    जनसुनवाई पोर्टल पर संतुष्टि फीडबैक कम होने पर जताई नाराजगी


    शिकायतों के निस्तारण पर मुख्यालय से फोन कर शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लिए जा रहे हैं। सोमवार को समीक्षा के दौरान पाया गया कि संतुष्टि फीडबैक जिला खाद्य एवं विपण अधिकारी खाद्य एवं रसद विभाग में 33.33 प्रतिशत, पूर्ति निरीक्षक बहेड़ी का 37.50 प्रतिशत, पूर्ति निरीक्षक नवाबगंज का 42.86 प्रतिशत, बाल विकास परियोजना अधिकारी भुता का 44.44 प्रतिशत, खनन निरीक्षक खनिज का 50 प्रतिशत, चकबंदी अधिकारी बहेड़ी का 50 प्रतिशत, खंड शिक्षा अधिकारी आलमपुर जाफराबाद, भुता, अधिशासी अधिकारी मीरगंज, सब रजिस्ट्रार स्टापं बहेड़ी, सीडीपीओ मीरगंज, खंड शिक्षा अधिकारी फरीदपुर का भी 50 प्रतिशत रहा है। इसी तरह एलडीएम का 53 प्रतिशत, अधिशासी अभियंता विद्युत का 57.14 प्रतिशत, जिला आबकारी अधिकारी का 60 प्रतिशत, चिकित्साधिकारी बहेड़ी, अधिशासी अधिकारी नवाबगंज का 60 प्रतिशत पाया गया है।

     

    सभी विभागों के अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण

     

    संतुष्टि फीडबैक अपेक्षित स्तर से कम मिलने पर डीएम ने इन सभी विभागों के अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ स्पष्टीकरण नोटिस जारी करते हुए निर्देशित किया कि वे निर्धारित अवधि में विस्तृत स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।

    डीएम ने यह भी निर्देश दिए, कि जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त प्रत्येक शिकायत का निस्तारण पूर्ण पारदर्शिता, गुणवत्तापूर्ण जांच एवं संतुष्टिपरक कार्रवाई के साथ किया जाए, ताकि शिकायतकर्ताओं को वास्तविक समाधान प्राप्त हो और जनविश्वास बढ़ सके।