तलाक प्रकरण : इंसाफ के लिए मदद मांगने बरेली आ रहीं पीडि़ताएं
तीन तलाक, बहु-विवाह और गलत तरीके से हलाला पीडि़त महिलाएं अब घर से बाहर निकल इंसाफ का रास्ता तलाशने लगी हैं।
बरेली (जेएनएन)। एक बार में तीन तलाक, बहु-विवाह और गलत तरीके से हलाला पीडि़त जो महिलाएं अब तक खामोश रहती थीं। वह घर से बाहर निकल इंसाफ का रास्ता तलाशने लगी हैं। बरेली ही नहीं आस-पास जिलों की दर्जनों पीडि़त महिलाएं बरेली में मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी और आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान के पास मदद मांगने पहुंच रही हैं।
केस वन
गुजरात की रहने वाली शाजिया की शादी बिजनौर में नजीबाबाद के मुहम्मद इकराम से वर्ष 2015 में हुई। इकराम दिल्ली में नौकरी करते हैं। बीते पंद्रह जुलाई को इकराम ने शाजिया को घर से निकाल दिया। पंद्रह दिन तक शाजिया घर से बाहर इधर-उधर भटकती रहीं। फिर फरहत नकवी से मिलीं। फरहत ने पुलिस से संपर्क कर शाजिया को घर में जगह दिलाई।
केस दो
बरेली के देवरनिया निवासी फरजाना की शादी यहीं के खालिद से वर्ष 2010 में हुई थी। वर्ष 2014 में खालिद ने फरजाना को तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। कोर्ट गईं। शौहर पर गुजरा भत्ता बंधा। मगर खालिद ने कभी गुजारा भत्ता नहीं दिया। फरजाना ने फरहत से मदद की गुहार लगाई है।
केस तीन
मुस्कान की शादी खटीमा के मोईन से हुई थी। मोईन ने मुस्कान को तलाक दे दिया। उनकी एक बेटी भी है। कोर्ट ने मुस्कान के शौहर को गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया, पर उन्हें भत्ता नहीं मिला। अब वह फरहत के पास मदद मांगने पहुंची हैं।
केस चार
इलाहाबाद निवासी शबा की शादी लखनऊ में इमरान के साथ वर्ष 2014 में हुई थी। गत वर्ष 2017 में तलाक दे दिया। शबा ने मुकदमा दर्ज कराया। शौहर ने शरई तरीके से तलाक के कागजात पेश किए। जबकि शबा का कहना है कि उसे तलाक की खबर नहीं है। तलाक के गवाह लड़के के परिवार वाले बने। पीडि़ता ने निदा से संपर्क साधा है।
तलाक, बहु-विवाह पीडि़ताएं बेहद परेशान
अध्यक्ष मेरा हक फाउंडेशन फरहत नकवी ने कहा कि तलाक, बहु-विवाह पीडि़ताएं बेहद परेशान हैं। उन्हें घर से निकाल दिया जाता है। वह किसके सहारे जिंदगी जिएंगी। महिलाओं के साथ ज्यादती की बड़ी समस्या है। कई जिलों से महिलाएं आ रही हैं। अध्यक्ष आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी निदा खान ने कहा कि तीन तलाक, बहु-विवाह पीडि़ताएं सामने आ रही हैं। वह न्याय चाहती हैं। बीस से अधिक पीडि़ताएं हमारे पास आ चुकी हैं। जिनकी कानूनी मदद की जा रही है।