घरेलू हिंसा पर लगाम कसने के लिए डीजीपी ने यूपी-112 को दिए ये आदेश Bareilly News
आमतौर पर हर सूचना पर पहुंचने वाली यूपी-112 को डीजीपी ने घरेलू हिंसा की पीड़ित महिलाओं के पंजीकरण की जिम्मेदारी भी दे दी है।
बरेली, जेएनएन : आमतौर पर हर सूचना पर पहुंचने वाली यूपी-112 को डीजीपी ने घरेलू हिंसा की पीड़ित महिलाओं के पंजीकरण की जिम्मेदारी भी दे दी है। अब यूपी-112 पुलिस घरेलू हिंसा होने पर मदद मांगने वाली महिलाओं का भी रिकॉर्ड रखेगी। इससे महिला हिंसा के मामलों का रिकॉर्ड तो अपडेट रहेगा ही, साथ ही इस पर लगाम कसने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए यूपी-112 के पुलिस कर्मियों को कई सलाह और जानकारियां दी गईं हैं।
दूसरी बार कॉल करने पर होगा पंजीकरण: घरेलू हिंसा के मामले में पंजीकरण से पहले एक मौका दिया जाएगा। पहली बार कॉल करने वाली महिलाओं की मदद की जाएगी। प्रयास किया जाएगा बात मौके पर ही खत्म हो जाए। अगर वही महिला दूसरी बार फिर कॉल करती है तो उसका पंजीकरण यूपी-112 पुलिस कर लेगी। इसमें उसकी शादी से लेकर अब तक हुए उत्पीड़न का डाटा होगा। कॉल दूसरी बार की गई इसकी जानकारी लखनऊ मुख्यालय से उपलब्ध होगी।
मदद करेंगी सीओ व संबंधित थाना पुलिस
यूपी-112 टीम कॉलर की सूचना पर पहुंचती है। टीम के सदस्यों को अगर लगता है कि मामला बड़ा और पेचीदा है। ऐसी स्थिति में वह महिला सीओ और थाने की महिला पुलिस की भी मदद ले सकेंगे। इसके अलावा महिला हेल्पलाइन के पास भी पूरे मामले को हस्तांतरित किया जा सकता है।
अब तक घरेलू हिंसा की महज एक शिकायत आई
आठ मार्च के बाद से यूपी-112 के पास घरेलू हिंसा से जुड़ी महज एक ही शिकायत आई हैं। शेरगढ़ क्षेत्र से आई इस शिकायत का थाने स्तर पर ही निस्तारण कर दिया गया।
आठ मार्च को आदेश जारी हुआ है। इसका क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया गया है। अभी कोई ऐसा मामला नहीं आया है, जिसका पंजीकरण किया गया है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए यूपी-112 पुलिस लगातार तत्पर है।
- रविंद्र सिंह, प्रभारी निरीक्षक, यूपी-112