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Urs-e-Razvi : आला हजरत के 101वें उर्स में उमड़ने लगा जायरीनों का हुजूम Bareilly News

आला हजरत के 101वें उर्स में जायरीन का हुजूम पहुंचने लगा है। बुधवार सुबह दरगाह आला हजरत पर कुरानख्वानी हुई। इसके बाद दिनभर अकीदतमंद के कार्यक्रम होते रहे।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 03:50 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 05:51 PM (IST)
Urs-e-Razvi : आला हजरत के 101वें उर्स में उमड़ने लगा जायरीनों का हुजूम Bareilly News
Urs-e-Razvi : आला हजरत के 101वें उर्स में उमड़ने लगा जायरीनों का हुजूम Bareilly News

जेएनएन, बरेली : Urs-e-Razvi आला हजरत के 101वें उर्स में जायरीन का हुजूम पहुंचने लगा है। बुधवार सुबह दरगाह आला हजरत पर कुरानख्वानी हुई। इसके बाद दिनभर अकीदतमंद के कार्यक्रम होते रहे। दोपहर करीब ढाई बजे ठिरिया निजावत खां से चादरों का जुलूस निकला। साढ़े तीन बजे आजम नगर से परचम कुशाई का जुलूस निकला। शाम पांच बजे इस्लामिया मैदान में दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां परचम कुशाई के साथ उर्स का आगाज करेंगे। वहीं दोपहर तीन बजे के आस-पास दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चादर लेकर आप नेता रईस दरगाह पहुंचे। उनके साथ काफी संख्या में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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उर्स-ए-रजवी में देश-विदेश से जायरीन पहुंचने लगे हैं। उर्स स्थल इस्लामिया मैदान और मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में तैयारियां मुकम्मल हो गई हैं। तकरीर के लिए उलमा मंच इस बार पिछले साल की अपेक्षा बड़ा सजाया गया है। बुधवार की सुबह दरगाह आला हजरत पर कुरानख्वानी हुई। इसके बाद दिनभर अकीदतमंद के कार्यक्रम होते रहे। ठिरिया निजावत खां समेत आस-पास के क्षेत्रों से जुलूस की शक्ल में जायरीन दरगाह पहुंचते रहे।

आइएमसी ने लगाए 521 रजाकार

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) ने उर्स-ए-रजवी के जायरीन की सेवा के लिए 521 रजाकारों की टीम लगाई है। इसमें अफजाल बेग, मुहम्मद नदीम खां, शहनवाज खां, चौधरी राशिद खां, डॉ. रिजवान आदि शामिल हैं।

दरगाह तहसीनी पर 24 को उर्स

नूरी नगर कांकर टोला स्थित दरगाह तहसीनी पर 24 अक्टूबर को उर्स-ए-रजवी, हसनी-हसनैनी मनाया जाएगा। खानकाह के सज्जादानशीन मौलाना हस्सान रजा खां नूरी की सरपरस्ती में उर्स होगा।

सिविल डिफेंस रहेगी तैनात

सिविल डिफेंस ने उर्स-ए-रजवी को लेकर सेवकों को विभिन्न क्षेत्रों के चौराहों पर जिम्मेदारी सौंपी है, जो यात्रियों की सेवा के लिए हर पल तैनात रहेंगे। वार्डन जायरीन को रास्ता बताएंगे, ताकि बाहर से आने वाले जायरीन आसानी से उर्स स्थल पहुंच जाएं।

पूर्व संध्या पर सजी रूहानी महफिल

आला हजरत के 101वें सालाना उर्स-ए-रजवी की पूर्व संध्या पर देर रात को रूहानी महफिल सजी। दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज के गद्दीनशीन सय्यद सुल्तान चिश्ती ने दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की मौजूदगी में दरगाह पर संदल शरीफ पेश किया। गुस्ल की रस्म अदा की गई। इस दौरान उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां, मुफ्ती अनवर अली, मुफ्ती सय्यद कफी हाशमी, कारी रिजवान रजा, मोहतशिम रजा, जावेद खान, अजमल नूरी, औरंगजेब नूरी, परवेज नूरी, ताहिर अल्वी आदि मौजूद रहे।

पर्यावरण संरक्षण के लिए 101 बांटे पौधे

उर्स से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जा रहा है। इसी उद्देश्य से मंगलवार को दरगाह के संगठन तहरीक-ए-तहफ्फुज-ए-सुन्नियत (टीटीएस) ने नावेल्टी चौराहे पर राहगीरों को 101 पौधे बांटे। दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी के मुताबिक दरगाह का यह पैगाम है कि हर व्यक्ति घर में पौधे लगाए। उनकी देखरेख करें। पिछले दिनों दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने पौधे लगाने का पैगाम दिया था।

दरगाह परिसर में खास सतर्कता

उर्स-ए-रजवी में आने वाला लाखों जायरीन का हुजूम सौदागरान स्थित दरगाह आला हजरत पर हाजिरी देने पहुंचेगा। इसलिए दरगाह पर सुरक्षा व्यवस्था और जायरीन की सहूलियत के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। खादिमों के कई दल परिसर में तैनात किए गए हैं, जो जायरीन को दरगाह की जियारत कराने में मदद करेंगे। मथुरापुर में जायरीन की सेवा के लिए करीब ढाई हजार वालेंटियर्स लगाए गए हैं। यहां 24-25 अक्टूबर को मुख्य कार्यक्रम होंगे। मंगलवार को सभी को परिचय पत्र दिए गए।

जायरीन के लिए मुफ्त ई-रिक्शा

उर्स-ए-रजवी में रुविवि के प्रशासनिक अधिकारी जहीर अहमद जायरीन की सेवा के लिए निश्शुल्क ई-रिक्शा चलवाएंगे। बुधवार को प्रशासनिक अधिकारी इनका शुभारंभ करेंगे। रोडवेज, सेटेलाइट, रेलवे स्टेशन से उर्स स्थल तक यात्रियों को मुफ्त यात्र कराएंगे।

डेढ़ लाख किताबें निश्शुल्क बांटेंगे

मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में उर्स-ए-रजवी के दौरान जायरीन को करीब डेढ़ लाख किताबें निश्शुल्क बांटी जाएंगी। यह किताबें आला हजरत से जुड़ी होंगी। जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष व उर्स प्रभारी सलमान हसन खां कादरी के मुताबिक किताबों की खेप पहुंच गई है। इस्लामिया मैदान में भी कई प्रकाशक और पुस्तक विक्रेताओं ने दुकानें सजा ली हैं। इसलिए क्योंकि इस उर्स में ज्यादातर दीनी तालीम लेने वाले छात्र व शिक्षक यानी उलमा-ए-कराम आते हैं। जिन्हें यहां काफी सस्ती दरों पर किताबें मिल जाती हैं। 


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