बरेली में चौपाल की. फिर अधिकारियों के आने पर दस मिनट के लिए हाईवे पर बैठे
कृषि कानून वापसी की मांग को लेकर सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का आह्वान किया। हाईवे पर चक्का जाम प्रदर्शन और ट्रेनें रोकने की सुगबुगाहट के बीच पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। नतीजा ये हुआ कि बरेली में भारत बंद बेअसर रहा।
जागरण संवाददाता, बरेली : कृषि कानून वापसी की मांग को लेकर सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का आह्वान किया। हाईवे पर चक्का जाम, प्रदर्शन और ट्रेनें रोकने की सुगबुगाहट के बीच पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। नतीजा ये हुआ कि बरेली में भारत बंद बेअसर रहा। बाजार रोजमर्रा की तरह ही खुले। हाईवे पर किसानों का जमावड़ा जरूर नजर आया। फतेहगंज पूर्वी, भमोरा, रामनगर समेत कई जगह हाईवे किनारे किसानों ने इकट्ठा होकर चौपाल की। फिर अधिकारियों के आने के बाद बंदी का समर्थन करने वाले हाईवे पर आ गए। जाम लगाने का सांकेतिक प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें हटवा दिया। ज्ञापन सौंपने के बाद वे लौट गए।
शहर के अंदर चौकी चौराहा स्थित सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में किसान एकता संघ, उप्र खेत मजदूर यूनियन, उप्र किसान सभा, सीटू, मजदूर मंडल, किसान सभा व खेत मजदूर यूनियन (सीपीआइ) ने संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन किया। धरने को किसान एकता संघ के प्रदेश प्रभारी डा. रवि नागर ने संबोधित करते हुए कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग की। कलक्ट्रेट में ज्ञापन देने जा रहे किसान नेताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की हुई। सिटी मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय, एसडीएम सदर विशु राजा, सीओ सिटी श्वेता यादव के साथ आरआरएफ पहुंची। पार्क से किसी को बाहर नहीं निकलने दिया गया। सिटी मजिस्ट्रेट ने पार्क में ही ज्ञापन लिया।
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भारत बंद में रोडवेज की दो दर्जन से अधिक बसें घंटों फंसीं
बरेली : रोडवेज बरेली रीजन की दो दर्जन से अधिक बसें बरेली के बाहर हाईवे पर लगने वाले जाम में घटों फंसी रहीं। रुहेलखंड डिपो के एआरएम राजेश कुमार ने बताया कि रीजन के बस चालक व परिचालकों ने रिपोर्ट दी कि दलपतपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, छजलैट, नगीना, ब्रजघाट, गजरौला के अलावा दिल्ली रूट में कई जगह पर रोडवेज बसें घंटों जाम में खड़ी रहीं। हालांकि दोपहर बाद स्थिति सभी जगह सामान्य हो गई।