डिग्री शिक्षकों ने कार्यबहिष्कार कर विवि में धरना दिया
सातवें वेतन आयोग सिफारिश लागू करने, पुरानी पेंशन योजना की बहाली आदि को लेकर शिक्षकों ने प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, बरेली : सातवें वेतन आयोग सिफारिश लागू करने, पुरानी पेंशन योजना की बहाली और मानदेय शिक्षकों के विनियमितीकरण जैसी मांगों को लेकर मंगलवार को डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों ने संयुक्त संगठन फुफुक्टा के आह्वान पर कार्यबहिष्कार किया। इस दौरान कई कॉलेजों के शिक्षकों ने एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर धरना दिया। फिर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन कुलपति प्रो. एके शुक्ल को दिया।
धरने में बरेली कॉलेज, मुरादाबाद के ¨हदू कॉलेज, बिजनौर के कई डिग्री कॉलेज और शाहजहांपुर के जीएफ कॉलेज के शिक्षकों ने भाग लिया। रुहेलखंड शिक्षक संघ रुटा और विभिन्न कॉलेजों के शिक्षक संघ पदाधिकारी धरने में शामिल रहे। इनमें रूटा के अध्यक्ष डॉ. एके रुस्तगी, उपाध्यक्ष डॉ. चारू मेहरोत्रा, महासचिव डॉ. दानवीर यादव, डॉ. संजीव सक्सेना, डॉ. स्वदेश सिंह, डॉ. टीएस चौहान, डॉ. वीपी सिंह, डॉ. अनुराग मोहन, डॉ. इंदवर सिंह चौहान, डॉ. वीरेंद्र सिंह, डॉ. डीके सिंह आदि प्रमुख रहे।
रुटा के चुनाव पर भिड़े शिक्षक नेता
जासं, बरेली : रुटा के चुनाव को लेकर बरेली कॉलेज के दो शिक्षक नेता विश्वविद्यालय में धरना स्थल पर भिड़ गए। साथी शिक्षक बीच-बचाव नहीं करते तो नौबत मारपीट पर पहुंच जाती। असल में, रुटा अध्यक्ष डॉ. एके रुस्तगी ने कहा कि 28 अक्टूबर को संगठन का चुनाव होगा। इस पर बरेली कॉलेज शिक्षक संघ के सचिव वीपी सिंह बोले- चुनाव सिर्फ बरेली कॉलेज में ही होगा। इसका विरोधी गुट के शिक्षक नेता डॉ. टीएस चौहान ने विरोध किया। उन्होंने रुटा चुनाव के लिए एनओसी न देने संबंधित बरेली कॉलेज प्रबंधन तंत्र का पुराना लेटर दिखाया। डॉ. वीपी सिंह पर तीखा प्रहार करते हुए कह दिया कि बरेली कॉलेज किसी की बपौती नहीं है। इस पर विवाद बढ़ गया। वीपी सिंह बोले- ऐसे 36 लेटर मेरी जेब रहते हैं। टीएस बोले- एक भी दिखा दो। इसके बाद तो बात तू-तू-में-में और अपने-अपने गिरेबान में झांककर देखने तक पहुंच गई।