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पढ़ाने के बावजूद नहीं मिल रहा महाविद्यालय के शिक्षकों को वेतन, राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट

महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई प्राइवेट कॉलेजों की मनमानी जारी है। मुरादाबाद जिले के कई कॉलेजों ने अपने शिक्षकों को अप्रैल 2020 से वेतन ही नहीं दिया। इसकी शिकायत राजभवन से हुई तो वहां से विश्वविद्यालय से जवाब तलब किया गया।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 06:00 AM (IST)
पढ़ाने के बावजूद नहीं मिल रहा महाविद्यालय के शिक्षकों को वेतन, राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट
विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय ने फिर से विवरण मांगा है।

 बरेली, जेएनएन।  महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई प्राइवेट कॉलेजों की मनमानी जारी है। मुरादाबाद जिले के कई कॉलेजों ने अपने शिक्षकों को अप्रैल 2020 से वेतन ही नहीं दिया। इसकी शिकायत राजभवन से हुई तो वहां से विश्वविद्यालय से जवाब तलब किया गया। विश्वविद्यालय ने कॉलेजों से रिपोर्ट मांगी तो किसी ने भेजी ही नहीं। अब राजभवन ने नाराजगी जताई है। जिसके बाद विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय ने फिर से विवरण मांगा है।

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रुहेलखंड विश्वविद्यालय से 548 कॉलेज सम्बद्ध हैं। इनमें बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर सहित कई जिलों के राजकीय, सहायता प्राप्त एवं प्राइवेट कालेज शामिल हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक मुरादाबाद जिले के कई प्राइवेट कालेजों के प्रबंधकों ने अपने यहां नियुक्त प्रवक्ताओं को अप्रैल 2020 से वेतन ही नहीं दिया। इसकी शिकायत राजभवन से हुई तो वहां से जवाब मांगा गया। विश्वविद्यालय ने कॉलेजों से शिक्षकों का नाम, पाठ्यक्रम/विषय का नाम, अनुमोदन तिथि एवं प्रतिमाह दिए जाने वाले वेतन का विवरण मांगा, लेकिन कॉलेजों ने नहीं दिया। अब राजभवन की नाराजगी के बाद फिर से विश्वविद्यालय सक्रिय हुआ है। कॉलेजों से शिक्षकों के अनुमोदन पत्र की प्रमाणित छायाप्रति, नियुक्ति पत्र की प्रति, कार्यभार आख्या, अनुबंध पत्र, शपथ पत्र फोटो सहित, प्राचार्य एवं प्रवक्ताओं को प्रत्येक माह के वेतन भुगतान बैंक खाते की अंतिम छह माह की प्रमाणित छाया प्रति की डिटेल मांगी है। साफ कहा गया है कि समय से सूचनाएं नहीं दी गईं तो कॉलेजों का उत्तरदायित्व तय होगा।


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